May 9, 2017

जब कोई बात बिगड़ जाए-जुर्म १९९०

९० के दशक के शुरू होते तक कई पुराने संगीतकार हाशिए पर 
जाना शुरू हो गए. राजेश रोशन उन गिनती के संगीतकारों में
बचे जो ९० के बाद भी सक्रिय दिखाई दिए. एकबड़ी वजह उनके
भाई राकेश रोसहं का फिल्म निर्माण क्षेत्र में उतरना रहा.

सन १९९० का एक लोकप्रिय गीत सुनवाते हैं आपको जुर्म फिल्म
से कुमार सानू का गाया हुआ. इन्दीवर का लिखा गीत है. इसमें
सानू के साथ साधना सरगम की आवाज़ भी है.



गीत के बोल:

जब कोई बात बिगड़ जाए  जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
जब कोई बात बिगड़ जाए  जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
ना कोई है  ना कोई था  ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़

हो चाँदनी जब तक रात  देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में  ना छोड़ना मेरा हाथ
हो चाँदनी जब तक रात  देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरों में  ना छोड़ना मेरा हाथ

जब कोई बात बिगड़ जाए  जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
ना कोई है  ना कोई था  ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़

वफ़ादारी की वो रस्में  निभाएँगे हम तुम कसमें
एक भी साँस ज़िन्दगी की  जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारु की वो रस्में  निभाएँगे हम तुम कसमें
एक भी साँस ज़िन्दगी की  जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाए  जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
ना कोई है  ना कोई था  ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़

दिल को मेरे हुआ यकीं  हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का  कोई आज की बात नहीं
दिल को मेरे हुआ यकीं  हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का  कोई आज की बात नहीं

जब कोई बात बिगड़ जाए  जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
ना कोई है  ना कोई था  ज़िन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
तुम देना साथ मेरा  ओ  हमनवाज़
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Jab koi baat bigad jaaye-Jurm 1990

Artists: Vinod Khanna, Shafi Inaamdar, Meenakshi Sheshadri

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