May 8, 2017

कोई कहे कहता रहे-दिल चाहता है २००१

मेलोडी कब क्वीन थी और कब किंग ये अनुमान लगाना कठिन
काम है. हर दौर में सुनने लायक गीत तो बनेंगे ही, चाहे कम बनें
या ज्यादा. चलन वाला संगीत उसी नई पीढ़ी को ज्यादा भाता
है जो इसे सुन रही होती है उस समय. बाकी की पीढियां बस
तुलना करने और गुणवत्ता पर ध्यान लगाती हैं. इस गुणवत्ता का
सबका अलग अलग पैमाना होता है.

सुनते हैं सन २००१ की फिल्म दिल चाहता है से एक गीत जिसे
शंकर महादेवन, के के और शान ने गाया है. जावेद अख्तर के बोल
हैं और संगीत शंकर एहसान लॉय का.




गीत के बोल:

कोई कहे कहता रहे कितना भी हमको दीवाना
हम लोगों की ठोकर में है ये ज़माना
जब साज़ है आवाज़ है फिर किसलिए हिचकिचाना
हो गायेंगे हम अपने दिलों का तराना
बिगड़े दुनिया बिगड़ने भी दो
झगड़े दुनिया झगड़ने भी दो
लड़े जो दुनिया लड़ने भी दो
तुम अपनी धुन में गाओ
दुनिया रूठे रूठने दो
बंधन टूटे टूटने दो
कोई छूटे छूटने दो
ना घबराओ
हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना

आँखों में हैं बिजलियाँ साँसों में तूफ़ान हैं
डर क्या है और हार क्या हम इस से अनजान हैं
हमारे लिए ही तो हैं आसमान और ज़मीन
सितारे भी हम तोड़ लेंगे हमें है यकीन
अम्बर से है आगे हमारा ठिकाना
हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना

सपनों का जो देस है हाँ हम वहीं हैं पले
थोड़े से दिलफेंक हैं थोड़े से हैं मनचले
जहाँ भी गए अपना जादू दिखाते रहे
मोहब्बत हसीनों को अक्सर सिखाते रहे
आए हमें दिल और नींदें चुराना
हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना

कोई कहे कहता रहे कितना भी हमको दीवाना
कोई कहता रहे कितना भी हमको दीवाना
हो हम लोगों की ठोकर में है ये ज़माना
हो जब साज़ है आवाज़ है फिर किसलिए हिचकिचाना
हूँ जब साज़ है आवाज़ है फिर किसलिए हिचकिचाना
हो गायेंगे हम अपने दिलों का तराना

हो हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना
हाँ हम हैं नए अंदाज़ क्यूँ हो पुराना
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Koi kahe kehta rahe-Dil chahta hai 2001

Artists: Aamir Khan, Saif Ali Khan, Akshay Khanna

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