देखा न हाय रे सोचा ना- बॉम्बे टू गोवा १९७२
हास्य वाले दृश्य काफी हैं. इस गीत के बारे में बहुत तारीफें छप
चुकी हैं इसलिए उन सब बातों को रिपीट करने से कोई मतलब
नहीं. कुछ नयी चीज़ बतलाई जाए.
मान लीजिए कोई व्यक्ति किसी ढाबे पर पहुँच कर दाल का ऑर्डर
देता है. वो कम मिर्ची की दाल के लिए बोलता है. असल में पेश
होती है तेज मिर्ची वाली दाल. उस दाल को खाने के बाद जैसी भी
आवाजें निकलती हैं व्यक्ति के मुंह से, कुछ वैसा ही किशोर कुमार
ने गाने के शुरू में किया है, जैसे मिर्च से मुंह जल गया हो.
अमिताभ पर फिल्माए और किशोर कुमार के गाये काफी तेज गति
वाले गीतों में से एक है ये. इसे लिखने वाले हैं राजेंद्र कृष्ण और
संगीतकार हैं आर डी बर्मन.
गीत के बोल:
आ ही हू ही या ही या ही या
देखा न हाय रे सोचा न हाय रे
रख दी निशाने पे जान
कदमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमाँ
देखा न हाय रे सोचा न हाय रे
रख दी निशाने पे जान
कदमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमाँ
अरे आहू कुकुरु कू कू
डोले डोले डोले ए ए
डोले डोले डोले ए ए
डोले डोले डोले ए ए ए
मिट जायेंगे मर जायेंगे
काम कोई कर जायेंगे
मर के भी चैन ना मिले
तो जायेंगे यारों कहाँ
मिट जायेंगे मर जायेंगे
काम कोई कर जायेंगे
मर के भी चैन ना मिले
तो जायेंगे यारों कहाँ
अरे आहू व्हऊँ व्हऊँ व्हऊँ
देखा न हाय रे सोचा न हाय रे
रख दी निशाने पे जाँ
कदमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमाँ
कातिल है कौन कहाँ नहीं जाये
चुप भी तो रहा नहीं जाये
बुलबुल है कौन कौन सैयाद
कुछ तो कहो रे मेरी जाँ
कातिल है कौन कहाँ नहीं जाये
चुप भी तो रहा नहीं जाये
बुलबुल है कौन कौन सैयाद
कुछ तो कहो रे मेरी जान
अरे आहू कुकरू कु कू
देखा न हाय रे सोचा न हाय रे
रख दी निशाने पे जाँ
कदमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमाँ
घर से चले हम खा के क़सम
छोड़ेंगे पीछा ना हम
सर पे कफ़न बांधे हुए
आये दीवाना यहाँ
घर से चले हम खा के क़सम
छोड़ेंगे पीछा ना हम
सर पे कफ़न बांधे हुए
आया दीवाना यहाँ
अरे यहू म्याऊँ
देखा ना हाय रे सोचा ना हाय रे
रख दी निशाने पे जाँ
कदमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमाँ
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Dekha na haaye re-Bombay to Goa 1972
Artists: Amitabh Bachchan, Aruna Irani
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