दिल पुकारे आ रे आ रे–ज्वेल थीफ १९६७
हुआ. मजरूह के बोल हैं और एस डी बर्मन का संगीत.
गीत के बोल:
ओ ओ ओ ओ ........
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
अभी ना जा मेरे साथी
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अभी ना जा मेरे साथी
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
बरसों बीते दिल पे काबू पाते
हम तो हारे तुम ही कुछ समझाते
समझाती मैं तुमको लाखों अरमां
खो जाते हैं लब तक आते आते
हो ओ ओ ओ ओ पूछो ना कितनी बातें पड़ी हैं
दिल में हमारे
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अभी ना जा मेरे साथी
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
पा के तुमको है कैसी मतवाली
आँखें मेरी बिन काजल के काली
जीवन अपना मैं भी रंगीं कर लूँ
मिल जाये जो इन होठों की लाली
हो ओ ओ ओ ओ जो भी है अपना लाई हूँ सब कुछ
पास तुम्हारे
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अभी ना जा मेरे साथी
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
महका महका आँचल हल्के हल्के
रह जाती हो क्यों पलकों से मलके
जैसे सूरज बन कर आये हो तुम
चल दोगे फिर दिन के ढलते ढलते
हो ओ ओ ओ ओ आज कहो तो मोड़ दूं बढ़ के
वक़्त के धारे
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अभी ना जा मेरे साथी
दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे
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Dil pukare-Jewl thief 1967
Artists: Dev Anand, Vaiyanatimala
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