चंदा रे मेरे भैया से-चम्बल की कसम १९७९
पाठकों का एक बार फिर से अभिवादन. स्वच्छ भारत अभियान
का सम्मान करते हुए उन्होंने जो साफ़ सफाई इधर रखी है
उसके लिए विशेष धन्यवाद. साफ़ सफाई से तात्पर्य टिप्पणियों
वाला स्थान साफ़ रखने से है.
पिछले कुछ दिन से कोई महाशय खय्याम पर रिसर्च कर रहे
हैं. उन्होंने ब्लॉग के तकरीबन ३००-४०० पेज खंगाल लिए.
उनके इस विकट और अतिउत्साही प्रयास के लिए एक गीत
उनको समर्पित है आज. उम्मीद है जिस अंग्रेजी ब्लॉग के लिए
वे माल इकठ्ठा कर रहे हैं उसके लिए उन्हें काफी मसाला मिल
चुका होगा.
गीत सुनवा रहे हैं चम्बल की कसम से जिसे साहिर लुधियानवी
ने लिखा है और गाया हैं लता मंगेशकर ने.
गीत के बोल:
चंदा रे मेरे भैया से कहना
हो मेरे भैया से कहना
बहना याद करे हो
चंदा रे मेरे भैया से कहना
हो मेरे भैया से कहना
बहना याद करे हो
चंदा रे
क्या बतलाऊँ कैसा है वो
बिलकुल तेरे जैसा है वो
तू उसको पहचान ही लेगा
देखेगा तो जान ही लेगा
तू सारे सँसार में चमके
हर बस्ती हर गाँव में दमके
कहना अब घर वापस आ जा
कहना अब घर वापस आ जा
तू है घर का गहना
बहना याद करे हो
चंदा रे
राखी के धागे सुवलायें
कहना अब न राह दिखाए
माँ के नाम की कसमें देना
भेंट मेरी के रसमें देना
पूछना उस रूठे भाई से
भूल हुई क्या माँ जाई से
बहन पराया धन है कहना
बहन पराया धन है कहना
उसने सदा नहीं रहना
बहना याद करे हो
चंदा रे मेरे भैया से कहना
हो मेरे भैया से कहना
बहना याद करे हो
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Chanda re-Chmbal ki kasam 1979
Artists: Raj Kumar, Fareeda Jalal
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