दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना-फंटूश १९५६
गीत सुनते हैं. साहिर लुधियानवी ने बोलों पर तर्ज़
बनाई है एस दी बर्मन ने.
देव आनंद के लिए किशोर कुमार ने सारे रंगों वाले
गीत गाये हैं. इन गीतों में से अधिकांश लोकप्रिय हैं.
गीत के बोल:
दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
दर्द हमारा कोई न जाने
अपनी गरज के सब हैं दीवाने
किसके आगे रोना रोयें
देस पराया लोग बेगाने
दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
लाख यहाँ झोली फैला ले
कुछ नहीं देंगे इस जग वाले
पत्थर के दिल मोम न होंगे
चाहे जितना नीर बहा ले
दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं छैना वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
अपने लिये कब हैं ये मेले
हम हैं हर इक मेले में अकेले
क्या पायेगा उसमें रह कर
जो दुनिया जीवन से खेले
धुखी मन मेरे सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
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Dukhi man mere-Funtoosh 1956
Artist: Dev Anand
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