इन बहारों में अकेले न फिरो-ममता १९६६
सुचित्रा सेन डबल रोल में हैं. उनके साथ अशोक कुमार और
धर्मेन्द्र नायक हैं. सुचित्रा सेन के अभिनय के अलावा फिल्म
अपने अविस्मरणीय संगीत के लिए भी जानी जाती है.
फिल्म से अगला गीत सुनते हैं जो कि एक युगल गीत है
रफ़ी और आशा का गाया हुआ. आशा भोंसले और रफ़ी ने
इसे गाया है.
गीत के बोल:
इन बहारों में अकेले न फिरो
राह में काली घटा रोक न ले
मुझ को ये काली घटा रोकेगी क्या
ये तो ख़ुद है मेरी ज़ुल्फ़ों के तले
इन बहारों में अकेले न फिरो
ये फ़िज़ायें ये नज़ारे शाम के
सारे आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
ये फ़िज़ायें ये नज़ारे शाम के
सारे आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
फूल कहती है ओ हो हो हो ओ ओ
फूल कहती है तुम्हें बाद-ए-सबा
तुम्हें बाद-ए-सबा
देखना बाद-ए-सबा रोक न ले
इन बहारों में अकेले न फिरो
राह में काली घटा रोक न ले
मुझ को ये काली घटा रोकेगी क्या
मेरी कदमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली
मेरी कदमों से बहारों की गली
मेरा चेहरा देखती है हर कली
जानते हैं सब हो हो हो ओ ओ
जानते हैं सब मुझे गुलज़ार में
मुझे गुलज़ार में
रंग सबको मेरे होंठों से मिले
इन बहारों में अकेले न फिरो
राह में काली घटा रोक न ले
मुझ को ये काली घटा रोकेगी क्या
बात ये है क्यूँ किसी का नाम लूं
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूं
बात ये है क्यूँ किसी का नाम लूं
हो ना ऐसा मैं ही दामन थाम लूं
जा रही हो तुम हो हो हो ओ ओ
जा रही हो तुम बड़े अंदाज़ से
बड़े अंदाज़ से
मेरी चाहत की सदा रोक ना ले
इन बहारों में अकेले न फिरो
राह में काली घटा रोक न ले
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In baharon mein akele na phiro-Mamta 1966
Artists: Dharmendra, Suchitra Sen
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