Jun 23, 2017

यादों की बारात निकली २-यादों की बारात १९७३

फिल्म यादों की बरात मिलन-बिछुडन की कहानी है जिसमें
तीन भाई एक दुसरे से बिछड जाते हैं. फिल्म के शीर्षक गीत
के प्रथम संस्करण में आपने तीनों बच्चों को ये गीत गाते
सुना. ये बच्चे अब बड़े हो गए हैं. इन बच्चों में से एक ये
गीत स्टेज पर गा रहा है. गीत के इस संस्करण में तीनों भाई
१५ साल बाद फिर से मिल जाते हैं. फ़िल्मी बच्चे कितनी ज़ल्दी
बड़े हो जाते हैं, कभी ५ सेकण्ड में तो कभी १५ मिनट में.
सामान्य जीवन में तो कई बच्चों के बाल सफ़ेद हो जाते हैं
मगर वे बड़े नहीं हो पाते.

गीत गाया है किशोर कुमार और रफ़ी ने. तीन भाइयों की
भूमिकाओं में हैं-धर्मेन्द्र, तारिक और विजय अरोड़ा. गीत
मजरूह का है और संगीत आर डी बर्मन का. 




गीत के बोल:

यादों की बारात निकली है आज दिल के द्वारे
दिल के द्वारे
यादों की बारात निकली है आज दिल के द्वारे
दिल के द्वारे
सपनों की शहनाई बीते दिनों को पुकारे दिल के द्वारे
हो छेड़ो तराने मिलन के प्यारे प्यारे संग हमारे

बदले ना अपना ये आलम कभी
जीवन में बिछड़ेंगे ना हम कभी
हो बदले ना अपना ये आलम कभी
जीवन में बिछड़ेंगे ना हम कभी
यूँ भी जाओगे आखिर कहाँ हो के हमारे

यादों की बारात निकली है आज दिल के द्वारे
दिल के द्वारे

आगे भी होगा जो उसका करम
ये दिन तो मनाएंगे हर साल हम
अपने आँगन नाचे गायेंगे चंदा सितारे
यादों की बारात निकली है आज दिल के द्वारे
दिल के द्वारे
सपनों की शहनाई बीते दिनों को पुकारे
दिल के द्वारे
……………………………………………………………….
Yaadon ki baraat nikli-Titlesong 1973

Artists: Tariq, Dharmendra, Vijay Arora

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