मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन-चंद्रग्रहण १९७७
की दुर्लभ फिल्म चंद्रग्रहण से.
कैफी आज़मी के बोल हैं और जयदेव की अलौकिक धुन.
गीत के बोल:
मैं जानूं नाहीं
मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन कैसे होई री
आये मोरे सजना फिर गए अंगना
आये मोरे सजना फिर गए अंगना
मैं अभागन
मैं अभागन रही सोई री
मैं जानूं नाहीं प्रभु को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं
निस बासर मोहे बिरहा सतावे
निस बासर मोहे बिरहा सतावे
कल ना परत पल मोए री
कल ना परत पल मोए री
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मिल बिछडो मत
मिल बिछडो मत कोई री
मैं जानूं नाहीं
मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं
आये मोरे सजना फिर गए अंगना
मैं अभागन
मैं अभागन रही सोई री
मैं जानूं नाहीं प्रभु को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं पिया को मिलन कैसे होई री
मैं जानूं नाहीं
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Main janoon naahin-Chandra graham 1977
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