जो दिल में खुशी बन कर आये-बड़ी बहन १९४९
दरअसल ये जीवन दुखों और तकलीफों से ही भरा है.
खुशी केक पर आइसिंग जैसी है जो कम मात्रा में मिलती
है.
नज़रिए पर बहुत कुछ निर्भर करता है. आप दुःख को
कम कर सकते हैं सम दृष्टि भाव अपना कर. तटस्थता
थोड़ी आगे की चीज़ हो गयी उसमें भावहीनता भी हो
सकती है.
राजेंद्र कृष्ण का लिखा गीत लता मंगेशकर ने गाया है
हुस्नलाल भगतराम की धुन पर.
गीत के बोल:
जो दिल में खुशी बन कर आये
जो दिल में खुशी बन कर आये
वो दर्द बसा कर चले गए हाय चले गए
जो शमा जलाने आये थे
जो शमा जलाने आये थे
वो शमा बुझा कर चले गए हाय चले गए
जो दिल में खुशी बन कर आये
जीवन के दोराहे पर कोई ये पूछ रहा है किस्मत से
जीवन के दोराहे पर कोई ये पूछ रहा है किस्मत से
हाय किस्मत से
क्यूँ आँख मिलाने आये थे क्यूँ आँख मिलाने आये थे
जो आँख चुरा कर चले गए हाय चले गए
जो दिल में खुशी बन कर आये
जो दिल में खुशी बन कर आये
वो दर्द बसा कर चले गए हाय चले गए
जो दिल में खुशी बन कर आये
ओ रोने वाले एक तू ही बर्बाद नहीं है उल्फत में
ओ रोने वाले एक तू ही बर्बाद नहीं है उल्फत में
हाय उल्फत में
इस राह में लाखों टूटे दिल इस राह में लाखों टूटे दिल
आये और आ के चले गए हाय चले गए
जो दिल में खुशी बन कर आये
जो दिल में खुशी बन कर आये
वो दर्द बसा कर चले गए हाय चले गए
जो दिल में खुशी बन कर आये
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Jo dil mein khushi ban kar-Badi behan 1949
Artists: Mahila mandal
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