जा जा रे जा साजना-अदालत १९५८
इसे आम तौर पर दो रंग वाला कहा जाता है. इसे दो चाल
वाला कहने के पीछे वजह है गीत में दो गतियों का प्रयोग.
गाडी सेकण्ड और फोर्थ गीयर में कैसे चलेगी उसका नमूना.
लता मंगेशकर और आशा भोंसले ने इसे गाया है. अपने आप
में अनूठे किस्म का गीत है ये. मदन मोहन के संगीत में
ऐसे गति वाले प्रयोग कम हैं. गीत राजेंद्र कृष्ण ने लिखा है.
अब इसे झटपट सुन लेते हैं नहीं तो पोस्ट निबंध में तब्दील
हो जायेगी और किताब लेखकों के कान और सर के बाल खड़े
हो जायेंगे.
गीत के बोल:
जा जा रे जा साजना
काहे सपनों में आये
जा के देस पराये बेवफ़ा
जा जा रे जा साजना
तुझको ग़रज़ क्या मेरी वफ़ा से
जियूँ या मरूँ मैं तेरी बला से
जा जा रे जा साजना
काहे सपनों में आये
जा के देस पराये बेवफ़ा
जा जा रे जा साजना
दिल तो दिया था तुझे बड़े अरमान से
प्यार लगाया भी तो किस बेईमान से
दे ही गया जो दग़ा सैयाँ
जा जा जा साजना
जा जा जा साजना
काहे सपनों में आये
जा के देस पराये बेवफ़ा
जा जा जा साजना
दो दिन के पहले झूठी खुशी दी
दर्द भरी फ़िर ये ज़िन्दगी दी
जा जा रे जा साजना
काहे सपनों में आये
जा के देस पराये बेवफ़ा
जा जा रे जा साजना
हाथ पकड़ बैठे क्यों ऐसे मीत का
ढंग न आये जिसे ज़रा सा भी प्रीत का
जाने न क्या है वफ़ा सैयाँ
जा जा जा साजना
काहे सपनों में आये
जा के देस पराये बेवफ़ा
जा जा जा साजना
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Ja ja re ja saajna-Adalat 1958
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