भोर भये पनघट पे-सत्यम शिवम सुंदरम १९७८
आवाज़ में. आनंद बक्षी की रचना है और लक्ष्मी प्यारे का संगीत.
गौरतलब है लता मंगेशकर ने सबसे ज्यादा गीत जिस गीतकार
के गाये हैं वो हैं आनंद बक्षी. इनमें से चार सौ से ऊपर गीत तो
ऐसे हैं जो लक्ष्मी प्यारे के संगीत निर्देशन में हैं.
इस फिल्म के अधिकांश गीत पॉपुलर और हिट हैं. सबसे ज्यादा
तो फिल्म का शीर्षक गीत ही बजा है.
राज कपूर की फिल्मों में आपको पानी से भीगी हीरोईन ज़रूर
दिखाई देगी. इस गीत में भी ऐसा कुछ है. नायक नायिका की
आवाज़ सुन कर सुन्दरम की तलाश में निकल पड़ता है. आगे
का हाल खुद गीत में मालूम करें.
गीत के बोल:
खिले हैं आशा के फूल मन में
ये राज़ उनसे छुपाया हमने
कदम मुबारक हमारे दर पे
नसीब अपना जगाया हमने
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाय राम हाय हाय
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाय राम हाय हाय
भोर भये पनघट पे
कोई सखी सहेली नाहीं संग मैं अकेली
कोई देखे तो ये जाने
पनिया भरने के बहाने
गगरी उठाये राधा श्याम से
हाय हाय श्याम से मिलने जाये हाय
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
भोर भये पनघट पे
आये पवन झकोरा टूटे अंग अंग मोरा
चोरी चोरी चुपके चुपके
बैठा कहीं पे वो छुप के
देखे मुस्काये निरलज को
निरलज को लाज न आये हाय
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
भोर भये पनघट पे
मैं न मिलूँ डगर में तो वोह चला आये घर में
मैं दूँ गाली मैं दूँ झिड़की
मैं ना खोलूँ बंद खिड़की
निंदिया जो आये तो वो कंकर
हाय हाय कंकर मार जगाये हाय
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाय राम हाय हाय
भोर भये पनघट पे
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Bhor bhaye panghat pe-Satyam Shivam Sundaram 1978
Artist: Zeenat Aman, Shashi Kapoor
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