चंचल शीतल निर्मल कोमल-सत्यम-शिवम-सुंदरम १९७८
का इस्तेमाल नहीं हुआ है. एक कहावत भी इसमें है-जहाँ ना पहुंचे रवि
वहाँ पहुंचे कवि. वैसे फिल्म में नायक की हालत के ऊपर एक कहावत
और याद आती है-दूर के ढोल सुहावने. नायिका के हिस्से के कपडे भी
नायक ने पहन रखे हैं इस गाने में.
आनंद बक्षी इसके रचनाकार हैं, मुकेश की आवाज़ है और संगीत तैयार
किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने.
गीत के बोल:
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
सुन्दरता की हर प्रतिमा से बढ़ कर है तू सुन्दर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
कहते हैं जहाँ ना रवि पहुँचे कहते हैं वहाँ पर कवि पहुँचे
तेरे रंग-रूप की छाया तक ना रवि पहुँचे ना कवि पहुँचे
मैं छूने लगूँ तू उड़ जाए परियों से तेरे पर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
तेरे रसवंती होंठों का मैं गीत कोई बन जाऊँगा
सरगम के फूलों से तेरे सपनों की सेज सजाऊँगा
डोली में बैठ के आएगी जब तू साजन के घर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
ऐसा लगता है टूट गए सब तारे टूट के सिमट गये
गोरे गोरे इक चन्दा से रंगीं बदन से लिपट गए
बन कर नथ कंगन करधनिया घुँघरू झुमके झूमर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
चंचल शीतल निर्मल कोमल संगीत की देवी स्वर सजनी
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Chanchal sheetal nirmal-Stayam Shivam Sundaram 1978
Artist: Shahsi Kapoor, Zeenat Aman
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