बाहों में चले आओ-अनामिका १९७३
वे हैं संजीव कुमार और जया भादुडी. इस फिल्म का लता का गाया
एक गीत काफी पसंद किया पब्लिक ने.
आज सुनते हैं वो गीत जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है. संगीत
देने वाले संगीतकार हैं पंचम. फिल्मों में ऐसे गीत कम हैं जिनमें
नायिका नायक को छेड़ रही हो. मूड, अभिनय, गीत-संगीत के लिहाज
से ये गीत उत्तम कोटि का है. इस गीत का रिमिक्स भी बन चुका है.
फिल्म अनामिका के तीन गीत आप पूर्व में सुन चुके हैं और ये चौथा
और फिल्म का अंतिम गीत है.
गीत के बोल:
बाहों में चले आओ
बाहों में चले आओ
हो ओ हमसे सनम क्या परदा
हो ओ ओ हमसे सनम क्या परदा
ये आज का नहीं मिलन
ये संग है उम्र भर का
शी शी शी शी शी
बाहों में चले आओ
बाहों में चले आओ
हो ओ हमसे सनम क्या परदा
हो ओ ओ हमसे सनम क्या परदा
चले ही जाना है नज़र चुरा के यूँ
फिर थामी थी साजन तुमने मेरी कलाई क्यों
चले ही जाना है नज़र चुरा के यूँ
फिर थामी थी साजन तुमने मेरी कलाई क्यों
किसी को अपना बना के छोड़ दे ऐसा कोई नहीं करता
बाहों में चले आओ
बाहों में चले आओ
हो ओ हमसे सनम क्या परदा
हो ओ ओ हमसे सनम क्या परदा
कभी कभी कुछ तो कहो पिया हमसे
के कम से कम आज तो खुल के मिलो ज़रा हमसे
कभी कभी कुछ तो कहो पिया हमसे
के कम से कम आज तो खुल के मिलो ज़रा हमसे
है रात अपनी जो तुम हो अपने किसी का फिर हमें डर क्या
बाहों में चले आओ
बाहों में चले आओ
हो ओ हमसे सनम क्या परदा
हो ओ ओ हमसे सनम क्या परदा
ये आज का नहीं मिलन
ये संग है उम्र भर का
शू शू शू शू शू शू
बाहों में चले आओ
हो ओ हमसे सनम क्या परदा
हो ओ ओ हमसे सनम क्या परदा
………………………………………………………
Baahon mein chale aao-Anamika 1973
Artists: Sanjeev Kumar, Jaya Bhaduri
0 comments:
Post a Comment