आपके हसीन रुख़ पे-बहारें फिर भी आयेंगी १९६६
का नाम है बहारें फिर भी आएँगी. गीत में दो नायिकाएं
दिखाई देती हैं जो गीत सुन सुन कर मोहित हो रही हैं.
ये हैं माला सिन्हा और तनूजा.
वाद्य यंत्रों में वॉयलिन, सारंगी और बांसुरी ऐसे वाद्य हैं जो
भावों की गहराई को उभारने में ज्यादा सक्षम हैं. इस गीत
में प्यानो संग बांसुरी और वॉयलिन ने भी कमाल दिखाया
है गाने वाले की आवाज़ के साथ साथ.
गीत अनजान का है और संगीत ओ पी नैयर का.
गीत के बोल:
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
खुली लटों की छाँव में खिला खिला सा रूप है
खुली लटों की छाँव में खिला खिला सा रूप है
घटा पे जैसे छा रही सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी जिधर नज़र मुड़ी
जिधर नज़र मुड़ी उधर सुरूर ही सुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ
झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ
दबी-दबी हंसी में भी तड़प रही हैं बिजलियाँ
शबाब आपका शबाब आपका
शबाब आपका नशे में ख़ुद ही चूर-चूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
जहाँ-जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ां बदल गई
जहाँ-जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ां बदल गई
के जैसे सर-बसर बहार आप ही में ढल गई
किसी में ये कशिश किसी में ये कशिश
किसी में ये कशिश कहाँ जो आप में खज़ूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़सूर है
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Aapke haseen rukh pe-Baharen phir bhi aayengi 1966
Artists: Dharmendra, Mala Sinha, Tanuja
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