उलझ गये दो नैना देखो-एक साल १९५७
से एक है सन १९५७ की एक साल. फिल्म के प्रमुख कलाकार हैं
अशोक कुमार और मधुबाला.
फिल्म से एक ब्यूटीफुल, ब्यूटीफुलर अथवा ब्यूटीफुलेस्ट(जो आप इसे
समझना चाहें) एक गीत सुनते हैं जिसे लिखा और संगीत से सजाया
है संगीतकार रवि ने. इसे लता मंगेशकर और हेमंत कुमार ने
गाया है.
गीत के बोल:
उलझ गये दो नैना देखो
उलझ गये दो नैना
उलझ गये दो नैना देखो
उलझ गये दो नैना
प्रीतम उलझी लट सुलझाये
गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
प्रीतम उलझी लट सुलझाये
गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
प्रीत की डोरी में बंध कर दोनो
मन ही मन मुसकाये रे देखो
उलझ गये दो नैना
जब तक घर न आये साँवरिया
तड़पे है गोरी जैसे जल बिन मछरिया
बाट तकत अपने साजन की
राह में नैन बिछाये देखो
उलझ गये दो नैना
रात रुपहली तारों की छैंय्या
सैयां के हाथों में गोरी गोरी बैयाँ
रात रुपहली तारों की छैयां
सैयां के हाथों में गोरी गोरी बहियां
लाज भरे नैनों से मन की बात कही न जाये देखो
उलझ गये दो नैना
उलझ गये दो नैना देखो
उलझ गये दो नैना
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Ulajh gaye do naina-Ek saal 1957
Artists: Ashok Kumar, Madhubala
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