इस जीवन की यही है कहानी-अलग अलग १९८५
फिल्मों में राजेश खन्ना बेहतर नज़र आते हैं अपने समकालीनों से.
ऐसा मुझे महसूस हुआ हो सकता है कोई और कलाकार भी ऐसी
फिल्मों में बेहतर नज़र आया हो. संजीव कुमार तो खैर नैसर्गिक
कलाकार थे, हर प्रकार की फिल्मों में वे बीस ही नज़र आये.
जीवन की सार्थकता उसकी लम्बाई में नहीं वरन जीवन जीने की
गुणवत्ता पर निर्भर है. लंबे होने को ताड़ का पेड़ भी काफी लंबा होता
है. क्या ख्याल है पाठकों ?
सुनते हैं फिल्म अलग अलग से लता मंगेशकर का गाया एक गीत.
आनंद बक्षी का गीत है और आर डी बर्मन का संगीत.
टी सीरीज़ को धन्यवाद इस वीडियो के अपलोड के लिए.
गीत के बोल:
इस जीवन की यही है कहानी
हो इस जीवन की यही है कहानी
इस जीवन की यही है कहानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
इस जीवन की यही है कहानी
इस जीवन की यही है कहानी
आनी जानी ये दुनिया हो बहते दरिया का पानी
फूल खिले खिल कर मुरझाए
दीप जलें जल कर बुझ जाएँ
इस बगिया की रीत यही है
इक रूत आये इक रूत जाए
कैसे बदलें रीत पुरानी
कैसे बदलें रीत पुरानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
इस जीवन की यही है कहानी
इस जीवन की यही है कहानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
आने वाला पल कहता है
जाने वाला पल कहता है
कौन रहा है कौन रहेगा
कौन हमेशा कब रहता है
रह जाती हैं याद निशानी
रह जाती हैं याद निशानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
इस जीवन की यही है कहानी
इस जीवन की यही है कहानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
जिस्म की मौत से फिर क्या डरना
इस मिटटी का गम क्या करना
दुनिया में सबको ना जाने
कितनी बार है जीना मरना
मौत के बाद है फिर जिंदगानी
मौत के बाद है फिर जिंदगानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
इस जीवन की यही है कहानी
इस जिव्हन की यही है कहानी
आनी जानी ये दुनिया बहते दरिया का पानी
ओ बहते दरिया का पानी
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Is jeevan ki yahi hai kahani-Alag alag 1985
Artists: Tina Munim, Shashi Kapoor
3 comments:
आपने सही कहा और मुझे भी लगता है राजेश खन्ना फैमिली ड्रामा
में ज्यादा सफल रहे दूसरों की बनिस्बत.
इस निष्कर्ष पर मैं १०० परसेंट तो नहीं मगर ९० परसेंट तक पहुँच
गया हूँ. बाकी श्रोताओं और पाठकों की क्या राय है?
I beg to differ
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