शाम ढले जमुना किनारे-पुष्पांजलि १९७०
से भरा हुआ है. अथाह समुद्र है, मोती गिनते गिनते आप
थक जायेंगे. एक ऐसा ही मोती है फिल्म पुष्पांजलि में.
राधे-श्याम को समर्पित ये गीत प्रतीक स्वरुप फिल्म में
प्रयोग हुआ है. पुराने समय में नदी पार करने के लिए एक
ही साधन होता था-नाव. मनुष्य, पशु और सामान सब नाव
के ज़रिये इस पार से उस पार हुआ करते थे.
कुछ ऐसा ही दृश्य फिल्म में है, नायक नायिका नाव पर
सवार हैं, साथ में साधुओं की टोली है. संध्या भक्ति रूप
में भजन गाया जा रहा है. गीत के बोल, संगीत, गायकी
सब बेजोड है. कहते हैं भोग लगाने के बाद प्रसाद का स्वाद
बढ़ जाता है, ये गीत भी मानो प्रभु को स्वीकार हो गया है
और इसे सुनना अलौकिक अनुभव सा प्रतीत होता है. है
तो ये युगल गीत मगर पूरा गीत मन्ना डे के रंग में रंगा
हुआ है. गीत की विशेषता है कि इसमें नाव से ज्यादा नायिका
हिल-डुल रही है.
गीत के बोल:
गीत के बोल:
शाम ढले जमुना
किनारे किनारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
शाम ढले जमुना
किनारे किनारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
कभी रुके कभी चले
राधा चोरी चोरी
पिया कहे आ जिया
कहे नहीं गोरी
शाम ढले जमुना
किनारे किनारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
राधा शरमाये
मनवा घबराए
पनिया भरन वो
जाए न जाए
कड़ी सोचे ब्रजबाला
ब्रज में है होली
कान्हा रंग देंगे
मोहे हाय बरजोरी
लोग कहेंगे ये
इशारे इशारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
शाम ढले जमुना
किनारे किनारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
कोई कहे श्याम से न
बांसुरी बजाये
चैन किसी का वो चित
चोर न चुराए
डगमग बोले जिया की नैया
डगमग बोले जिया की नैया
चले जब पुरवैया
छेड़े बंसी कन्हैया
जादू भरे नैना
लगे नैनवा की डोरी
सोये सारा जग जगे एक चकोरी
रात कटे गिन गिन के तारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
शाम ढले जमुना
किनारे किनारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
पनघट पे सखियाँ
करती हैं बतियाँ
मोहन से लागी
राधा की अँखियाँ
जो भी मिले यही पूछे
सुन ओ किशोरी
गयी कहाँ निंदिया
रे बिंदिया तोरी
राम कसम छेड़ेंगे
सारे सारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
कभी रुके कभी चले
राधा चोरी चोरी
पिया कहे आ जिया
कहे नहीं गोरी
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
आ जा राधे आ जा तोहे
श्याम पुकारे
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Shaam dhale jamuna kinare-Pushpanjali 1970
Artists: Sanjay Khan, Naina Sahu, Pramnath, A babaji
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