Jan 29, 2018

और है दिल की लगी-राग रंग १९५२

जिंदगी क्या है रागा सागा और धागा का संगम. ये सागा शब्द
सुन कर मुझे सरसों दा सागा याद आ जाता है, सर्दी का मौसम
जो है. राग शब्द को विलायती अंदाज़ में रागा बोला जाता है.
धागा तो शुद्ध देसी शब्द है जो जीवन की कड़ियों को पिरो के
रखने का और नाड़े को पजामे और पेटीकोट में टिकाये रखने का
काम करता है. रिश्तों की डोर में भी तो धागा ही है. पतंग की
डोर हो या जीवन की डोर ये सभी को बाँध के रखता है. कलाई
में बाँधो, बाजू में बाँधो या गले में ये रक्षा कवच का काम करता
है.

जीवन में संगीत अर्थात रागा ना हो तो व्यक्ति अ-भागा सा
लगता है. लेडी गा-गा भाग्यवान हैं उनके नाम में ही गा और
गा लगा हुआ है. वे एक ख्यात गायिका हैं.

सुनते हैं सन १९५२ की फिल्म राग रंग से जिंदगी को परिलक्षित
करता एक गीत तलत महमूद की आवाज़ में. इस गीत को लिखा
है कैफ इरफानी ने और संगीतकार हैं रोशन.





गीत के बोल:

और है दिल की लगी और दिल का लगाना और है
ये कहानी और है और वो फ़साना और है
और है दिल की लगी

रूठ के जो चल दिया
रूठ के जो चल दिया क्या खबर उसको भला
क्या खबर उसको भला
याद रखना और है और भूल जाना और है

और है दिल की लगी

जो तराना लब पे आया
जो तराना लब पे आया वो तो सब ने सुन लिया
वो तो सब ने सुन लिया
रह गया जो दिल ही दिल में वो तराना और है

और है दिल की लगी

हाय किस खूबी से लूटा
हाय किस खूबी से लूटा बेवफ़ा तक़दीर ने
बेवफ़ा तक़दीर ने
तेरी बरबदी का ऐ दिल हर फ़साना और है

और है दिल की लगी और दिल का लगाना और है
ये कहानी और है और वो फ़साना और है
और है दिल की लगी
.....................................................................
Kahin dil lagane ka samaan-Raagrang 1952

2 comments:

सौरभ,  August 12, 2019 at 5:20 PM  

इसको कहते हैं कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा.

Geetsangeet August 16, 2019 at 1:44 PM  

भेलपूरी खाई है कभी सौरभ जी?

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