माही वे-कांटे २००२
शायद सबसे पहले मुझे अलीशा चिनाई की याद आती है. उसके
बाद हेमा सरदेसाई, जसपिंदर नरूला और फिर सुनिधि चौहान
याद आती हैं. अब तो खैर ढेर सारी गायिकाएं हो गयी हैं जो
ऊंचे स्केल पर गाती हैं.
ऋचा शर्मा को बॉलीवुड में गाने के जितने भी अवसर मिले वे
लगभग सफल रहे और उनमें से अधिकांश गीत श्रोताओं ने पसंद
किये हैं. वे ज़्यादातर भजन गायकी के लिए विख्यात हैं. अगर
आपने उनका स्टेज शो देखा है तो आपको मालूम होगा कि उनके
कार्यक्रमों की रौनक काफी ज्यादा हुआ करती है. आज मैं आपको
ऋचा शर्मा का गाया अपना पसंदीदा गीत सुनवा रहा हूँ जो फिल्म
कांटे से है. देव कोहली के लिखे गीत को संगीत से सजाया है
आनंद राज आनंद ने. इस गीत में सुखविंदर की आवाज़ भी है.
गीत के बोल:
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
माही वे माही वे माही वे माही वे माही वे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
माही वे माही वे माही वे माही वे माही वे
माही वे मुहब्बतां सच्चियाँ ने
माही वे मुहब्बतां सच्चियाँ ने
मंगदा नसीबा कुछ होर है
क़िस्मत दे मारे अस्सी की करिये
क़िस्मत दे मारे अस्सी की करिए
क़िस्मत दे मारे हो अस्सी की करिए
क़िस्मत ते किसका ज़ोर है
माही वे माही वे माही वे माही वे
इक तरफ़ इश्क़ है तन्हा तन्हा
इक तरफ़ हुस्न है रुसवा रुसवा
इक तरफ़ इश्क़ है तन्हा तन्हा
इक तरफ़ हुस्न है रुसवा रुसवा
दोनों बेबस हुए हैं कुछ ऐसे
करें तो किस से करें हम शिकवा
माही वे माही वे
ये कदा सच्चियाँ ने
मंगदा नसीबा कुछ होर है
दिल न टूटे ख़ुदा का ये घर है
तेरे सजदे में मेरा ये सर है
दिल न टूटे ख़ुदा का ये घर है
तेरे सजदे में मेरा ये सर है
मौत से डर नहीं लगता मुझको
सिर्फ़ तुमसे जुदाई का डर है
माही वे माही वे
ऐ मीतां सच्चियाँ ने
पर मंगदा नसीबा कुछ होर है
माही वे माही वे माही वे माही वे माही वे
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Maahi ve-Kaante 2002
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