ओ बाबू साब ओ मेमसाब क्या रखा २-तलाक १९५८
उसका दूसरा तर्जुमा सुनिए. बाकी के विवरण में कोई अंतर
नहीं है. गीतकार, संगीतकार और गायक वही हैं.
फिल्म का नाम है तलाक. जाहिर है फिल्म की कहानी की थीम
भी यही होगी. वैसे ज़रूरी नहीं कि फिल्म के नाम का फिल्म की
कहानी से कोई कनेक्शन हो मगर अधिकांश फिल्मों के शीर्षक
कहानी से ताल्लुक रखा करते हैं. आर्ट फिल्म और फार्ट फिल्म
में ये ज़रूरी नहीं.
गीत के इस फ़िल्मी वर्ज़न में तीन अंतरे हैं. पहले वाला घर में
फिल्माया गया था ये बाग में.
गीत के बोल:
ओ बाबू साब ओ मेम साब
क्या रखा इस तक़रार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
अरे रूठो न सिस्टर मन जाओ मिस्टर
मिल के रहो सनसार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
अच्छी नहीं है आपस की अनबन
सुनो सुनो श्रीमान जी
हाँ सुनो सुनो श्रीमान जी
लड़ना तो मैडम है इक लड़कपन
इसमें बड़ा नुकसान जी
हाँ सुनो सुनो श्रीमान जी
क्यूँ बैठे हट के मुखड़ा पलट के
फिर से बंधो इक तार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
मिया और बीवी के झगड़ों ने राजा
लाखों घरों को उजाड़ा
मीठी शैतानी अच्छी ना रानी
घर को बनाओ ना अखाड़ा
अरे छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
ग़ुस्से के तीखे ख़ुमार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
जीवन में जो सुख से रहना है तो
ग़ुस्से पे कुछ कंट्रोल करो
हाँ ग़ुस्से पे कुछ कंट्रोल करो
अपनी अकड़ पे ब्रेक लगाओ जी
झूठा बड़प्पन गोल करो
ग़ुस्से पे कुछ कंट्रोल करो
झगड़ा न करना डूबेगी वरना
नैया सभी मझधार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के
बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब
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O baboo saab o memsaab 2-Talaq 1958
Artists: Rajendra Kumar, Kamini Kadam
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