आ जा जाने जां-गीत गाया पत्थरों ने १९६४
एकल गीत उनपर फिल्माया गया जिसे आशा भोंसले ने गाया है.
बोल हसरत जयपुरी के हैं और संगीत रामलाल का.
वी शांताराम की कृतियाँ क्लासिक कही जाती हैं. कोई दूसरा ऐसा
निर्माता निर्देशक नहीं है हिंदी सिनेमा क्षेत्र में जिसकी सभी फिल्मों
को क्लासिक का दर्ज़ा प्राप्त हो. किसी कि एक किसी कि दो किसी
कि दस फ़िल्में क्लासिक हो सकती हैं मगर सम्पूर्ण उत्पाद क्लासिक
हो या फिल्म समीक्षकों ने बतलाये हों ऐसा दूसरा नाम नहीं मिलता.
प्रयोगधर्मिता को पैमाना ना बनाया जाए तो बिमल रॉय का नाम
हिंदी सिनेमा के उत्कृष्ट फिल्मकारों में गिना जाता है.
यथार्थवादी सिनेमा की नाव खेने वाले फिल्मकार भी बहुतेरे हुए हैं
एक पीढ़ी में ख्वाजा अहमद अब्बास, दूसरी में बी आर ईशारा और
तीसरी पीढ़ी में जो नाम ध्यान आता है वो रामगोपाल वर्मा का.
सबके कथानक के प्रस्तुतीकरण अलग अलग हैं. आज तो प्रतिभाओं
की झड़ी लगी हुई है बॉलीवुड में, और, रीयलिस्टिक सिनेमा के काफी
कर्णधार दिखलाई देने लगे हैं. पैडमैन जैसी फ़िल्में भी बनाई जाने
लगी हैं. ऐसे विषयों को पहले कोई छूने का प्रयास नहीं करता था.
गीत के बोल:
आ जा रे जाने जां
आ जा जाने जां मेरे मेहरबां
आ जा जाने जां
नैनों का कजरा बुलाये
दिल का ये अचरा बुलाये
बाहों का गजरा बुलाये
आ जा जाने जां मेरे मेहरबां
आ जा जाने जां
जब से गया तू घर से मेरी मोहब्बत तरसे
पलकों से सावन बरसे बरसे
चंदा चंदा ना गुज़रे इधर से
हर साँस दिल को दुखाये ज़ख़्मों ने आँसू बहाये
आ जा जाने जां मेरे मेहरबां
आ जा जाने जां
घुँघरू में नगमा तुम्हारा आँखों में जलवा तुम्हारा
फूलों में मुखड़ा तुम्हारा तुम्हारा
तारों में तारों में हँसना तुम्हारा
मेरी नज़र ललचाये होठों से निकले हाय
आ जा जाने जां मेरे मेहरबां
आ जा जाने जां
नैनों का कजरा बुलाये
दिल का ये अचरा बुलाये
बाहों का गजरा बुलाये
आ जा जाने जां मेरे मेहरबां
आ जा जाने जां
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Aa ja jaane jaan-Geet gaaya pattharon ne 1964
Artist: Rajshri
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