Feb 2, 2018

आग से न खेलो बाबूजी-गुरु घंटाल १९५६

सन १९५६ की एक फिल्म है गुरु घंटाल. इस फिल्म से एक
गीत सुनते हैं आज. गीता दत्त के साथ इसे आगा ने गाया
है.

सरशर सैलानी के बोल हैं और लच्छीराम का संगीत. गीत थोडा
रेयर किस्म का है.

फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं मोतीलाल और उषा किरण की हैं.
साथ में अजीत, मीना कुमारी, शीला रमानी, वीणा, सुन्दर और
हेलन भी मौजूद हैं. फिल्म का निर्माण होमी वाडिया ने किया.




गीत के बोल:

आग से ना खेलो बाबूजी

लगे तो बुझे न बाबू ओ बाबू
प्यार की आग है जी प्यार की आग है
प्यार जिसे कहते हैं जवानी का तो हक है
जवानी का तो हक है
आ आ आ आ आ जिंदगी एक साज़ है
प्यार उसका राग है
राग जो अधूरा होगा
राग जो अधूरा होगा रोग बन जायेगा
रोग बन जायेगा
बनने दो जी रोग बड़ा मजा आयेगा
बड़ा मजा आयेगा

आग से ना खेलो बाबूजी

दिल बड़ी चीज़ है ओ बाबू रखना संभाल के
जी रखना संभाल के
दिल को लगाना तो लगाना देखभाल के
लगाना देखभाल के
उलटी चाल चलने वाला बाज़ी हार जायेगा
बाज़ी हार जायेगा
अरे हार जाने दो जी बाज़ी बड़ा मजा आयेगा
बड़ा मजा आयेगा

आग से ना खेलो बाबूजी

तीसमार खां हो चाहे गुरु घंटाल हो
जी गुरु घंटाल हो
पहली शर प्यार की है पाकिट में माल हो
जी पाकिट में माल हो
फ़ोकट का प्यार कहीं जूतियाँ खिलाएगा
जी जूतियाँ खिलाएगा
अरे खाने दो जी जूतियाँ बड़ा मज़ा आयेगा
बड़ा मज़ा आयेगा

आग से ना खेलो बाबूजी
………………………………………………..
Aag se na khelo babuji-Guru ghantaal 1956

1 comments:

चांदनी सूरी,  February 8, 2018 at 9:47 PM  

इस गाने में आगा की आवाज़ काफी सधी सी सुनाई देती है

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