चाहे आज मुझे ना पसन्द करो-दरिंदा १९७७
प्यानो गाता है. मगर जो गीत आप सुनेंगे आज उसमें
नायक प्यानो बजा रहा है और खुद गा रहा है. गीत
उम्दा है और इसमें एक दर्द की पतली सी मगर कुछ
स्पष्ट सी लकीर भी है.
बड़ी बड़ी मुच्छी वाला हीरो जिसने गले में शर्ट के कॉलर
में विलायती फूल-फुंदा लगा रहा हो आपने नहीं देखा होगा.
ये एक अलग फैशन है. फिल्मों से हमने तरह तरह की
चीज़ें सीखी हैं, है ना !
फिल्म दरिंदा से है ये गीत. इन्दीवर के बोल हैं और इसके
संगीतकार हैं कल्याणजी आनंदजी.
गीत के बोल:
चाहे आज मुझे ना पसन्द करो
चाहे द्वार हृदय के बन्द करो
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
चाहे आज मुझे ना पसन्द करो
चाहे द्वार हृदय के बन्द करो
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
बचपन के प्यार की मिटती नहीं निशानी
बचपन के प्यार की मिटती नहीं निशानी
कितना भी मिटाना चाहे इसे जवानी
जहाँ याद मेरी सोई हो
जहाँ याद मेरी सोई हो दूजा न और कोई हो
कोई दिल का तुम्हारे ऐसा भी कोना होगा
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
मैं क्या से क्या बन गया तुम्हारे कारण
मैं क्या से क्या बन गया तुम्हारे कारण
ना समझो इसे दिखावा
ना समझो इसे दिखावा है ये मेरे प्यार का दावा
मेरे हँसने पे हँसना रोने पे रोना होगा
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
चाहे आज मुझे ना पसन्द करो
चाहे द्वार हृदय के बन्द करो
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
आख़िर में तुम्हें मेरी ही होना होगा
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Chahe aaj mujhe na pasand-Darinda 1977
Artists: Sunil Dutt, Shahsi Kapoor, Parveen Babi
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