पानी का बुलबुला-सुहागन १९५४
से आपने कई गीत सुने. आज सुनते हैं इससे दस साल पहले एक
और इसी नाम से बनी फिल्म सुहागन से एक गीत.
ये दर्शनवादी गीत गाया है गीता दत्त ने. सरस्वती कुमार दीपक के
बोल हैं और वसंत रामचंद्र का संगीत. इस फिल्म की नायिका हैं
गीता बाली जो गीत में नज़र आ रही हैं. परदे पर इसे गाने वाली
नायिका को आप पहचानिये.
वसंत पवार और रामचंद्र वाधवकर की जोड़ी को वसंत-रामचंद्र के
नाम से जाना जाता है. सुनने पर ऐसा लगता है मानो वसंत देसाई
और सी रामचंद्र की जोड़ी हो.
गीत के बोल:
पानी का बुलबुला
पानी का बुलबुला ये जिंदगानी
कलियों की है दो दिन की जिंदगानी
हंस के बिताये जा गा के बिताए जा
मस्ती की अनमोल बस्ती बसाये जा
पानी का बुलबुला ये जिंदगानी
कलियों की है दो दिन की जिंदगानी
हंस के बिताये जा गा के बिताए जा
मस्ती की अनमोल बस्ती बसाये जा
दीप बुझ जायेगा पीछे पछतायेगा
दीप बुझ जायेगा पीछे पछतायेगा
रूप ढल कर दो आंसू बहायेगा बहायेगा
सपने सजाये जा मन बहलाएगा
खोने को भूल कर पाए जा पाए जा
पानी का बुलबुला
पानी का बुलबुला ये जिंदगानी
कलियों की है दो दिन की जिंदगानी
हंस के बिताये जा गा के बिताए जा
मस्ती की अनमोल बस्ती बसाये जा
सपनो की झोली खुशियों की झोली
घर में वो भोली
किस्मत की कश्ती डोली ना डोली
किस्मत की कश्ती डोली ना डोली
मुस्कुराये जा मुस्कुराये जा
मुस्कुराये जा
नए नए रास्ते हैं तेरे वास्ते
आगे आगे बढ़ इनेहं अपना बनाये जा
पानी का बुलबुला
पानी का बुलबुला ये जिंदगानी
कलियों की है दो दिन की जिंदगानी
हंस के बिताये जा गा के बिताए जा
मस्ती की अनमोल बस्ती बसाये जा
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Paani ka bulbula-Suhagan 1964
Artist: Geeta Bali
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