तेरा हिज्र मेरा नसीब है-रज़िया सुल्तान १९८३
नायकों की तो कभी गायकों की. मोती आवाज़ वाले गायक ६० और
सत्तर के दशक में बहुत कम या नहीं के बराबर सुनाई दिए. १९८३
की फिल्म रज़िया सुल्तान में कब्बन मिर्ज़ा के गाये दो गीत हैं.
उनमें से एक आज सुन लेते हैं. इसे निदा फाजली ने लिखा है और
इसकी तर्ज़ बनाई खय्याम ने.
गीत के बोल:
तेरा हिज्र मेरा नसीब है
तेरा ग़म
तेरा ग़म ही मेरी हयात है
मुझे तेरी दूरी का ग़म हो क्यों
मुझे तेरी दूरी का ग़म हो क्यों
तू कहीं भी हो मेरे साथ है
तू कहीं भी हो मेरे साथ है
तेरा हिज्र मेरा नसीब है
मेरे वास्ते तेरे नाम पर
मेरे वास्ते तेरे नाम पर
कोई हर्फ़ आए नहीं नहीं
मुझे ख़ौफ़-ए-दुनिया नहीं
मुझे ख़ौफ़-ए-दुनिया नहीं
मगर मेरे रू-ब-रू तेरी ज़ात है
मेरे रू-ब-रू तेरी ज़ात है
तेरा हिज्र मेरा नसीब है
तेरा इश्क़ मुझ पे है मेहरबान
तेरा इश्क़ मुझ पे है मेहरबान
मेरे दिल को हासिल है दो जहाँ
मेरी जान-ए-जां मेरी जान-ए-जां
मेरी जान-ए-जां इसी बात पर
मेरी जान जाए तो बात है
मेरी जान जाए तो बात है
तेरा हिज्र मेरा नसीब है
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Tera hijr mera naseeb hai-Razia Sultan 1983
Artists: Dharmendra, Hema Malini
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