Mar 1, 2018

मोहे छेड़ो ना-लम्हे १९९१

फाल्गुन का त्यौहार हो और नन्द के लाला का जिक्र ना हो ऐसा
हो ही नहीं सकता. फ़िल्मी गीतकारों ने भी तबियत से स्याही उड़ेल
उड़ेल कर होली के गीत लिखे हैं. ये तो उस ज़माने का गीत है
जब जैल पेन हमारे देश में नहीं आया था. गाढ़ी स्याही वाला
डॉट पेन चला करता था. उसके अलावा फाउंटन पेन के भी शौक़ीन
थे जो ९० के दशक में कम होते चले.

सुनते हैं होली के अवसर पर फिल्म लम्हे का गीत. आनंद बक्षी की
रचना को स्वर दिया है लता मंगेशकर ने शिव हरि की धुन पर.



गीत के बोल:

मोहे छेड़ो ना
हो मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला
के मैं हूँ बृजबाला नहीं मैं राधा तेरी
मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला
के मैं हूँ बृजबाला नहीं मैं राधा तेरी
मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला

काहे पकड़ ली मेरी कलाई
तेरी दुहाई ओ कृष्ण कन्हाई
काहे पकड़ ली मेरी कलाई
तेरी दुहाई ओ कृष्ण कन्हाई
हरजाई तू बंसरी वाला
के मैं हूँ बृजबाला नहीं मैं राधा तेरी
मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला

राधा से होगी तेरी ठिठोली
आँख मिचौली तुम हमजोली
होली में क्यों मुझे रंग डाला
के मैं हूँ बृजबाला नहीं मैं राधा तेरी

मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला
के मैं हूँ बृजबाला नहीं मैं राधा तेरी
मोहे छेड़ो ना नन्द के लाला
………………………………………………………
Mohe chhedo na-Lamhe 1991

Artists: Sridevi, Anil Kapoor

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