यूँ ही दिल ने चाहा था-दिल ही तो है १९६३
अंदाज़ में भी किया जा सकता है. शब्दों को एक सुन्दर
धुन भी प्रदान करी गई है. गीत है सुमन कल्याणपुर का
गाया फिल्म दिल ही तो है से.
फिल्म के सभी गीत श्रवणीय हैं चाहे वो लता का गाया हो,
मुकेश का गाया हो या मन्ना डे का गाया हुआ. सभी गीत
साहिर ने लिखे हैं और संगीत है रोशन का. परदे पर इसे
नूतन गा रही हैं.
गीत के बोल:
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
हमें भी नहीं इल्म हम जिस पे रोये
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
ग़म-ए-दिल है और ग़म-ए-ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
ग़म-ए-दिल है और ग़म-ए-ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
कोई किसपे तड़पे कोई किसपे रोये
इधर दिल जला है उधर आशियाना
इधर दिल जला है उधर आशियाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
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Yunhi dil ne chaha tha-Dil hi to hai 1963
Artist: Nutan
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