गैरों से कहा तुमने-शिखर एल्बम १९९५
पर. पंकज उधास से मिलती आवाज़ वाला कोई गायक भी है जिसका
गाया एक गीत सुनेंगे आज.
सन १९९५ के एक एल्बम शिखर से ये गीत लिया गया है. इसे गाया
है अनुराधा पौडवाल और जसवंत सिंह ने. ज़मीर काज़मी के लिखे गीत
के लिए तर्ज़ तैयार की निखिल विनय ने.
गीत के बोल:
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
कुछ हमसे कहा होता
कुछ हमसे कहा होता कुछ हमसे सुना होता
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
कुछ हमसे कहा होता
कुछ हमसे कहा होता कुछ हमसे सुना होता
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
अपनों से कभी जानम पर्दा नहीं होता है
औरों पे यकीन करना अच्छा नहीं होता है
हम चूमते होंठों को सीने से लगा लेते
और कहते के हर चेहरा तुमसा नहीं होता है
तुम हमसे जो कहते हो दामन ना जला होता
तुम हमसे जो कहते हो दामन ना जला होता
कुछ हमसे कहा होता
कुछ हमसे कहा होता कुछ हमसे सुना होता
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
यूँ चाहने वालों से रूठा नहीं करते हैं
इस तरह मोहब्बत को रुसवा नहीं करते हैं
दिल लेते हैं दिल दे के ये रस्मे-मोहब्बत है
बस इसके सिवा कोई सौदा नहीं करते हैं
थोडा सा यकीं तुमने हम पर भी किया होता
थोडा सा यकीं तुमने हम पर भी किया होता
कुछ हमसे कहा होता
कुछ हमसे कहा होता कुछ हमसे सुना होता
गैरों से कहा तुमने गैरों से सुना तुमने
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Gairon se kaha tumne-Non film song 1995
2 comments:
इस गाने को कंपनियों के कस्टमर केयर विभाग अपना सिग्नेचर गाना
बना सकते हैं.
इसके मुखड़े को सुन कर मुझे भी ऐसा ही कुछ महसूस हुआ था.
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