Mar 20, 2018

काहे इतना गुमान छोरिए-भरोसा १९६३

राजेंद्र कृष्ण का लिखा एक उपदेशात्मक गीत सुनते हैं फिल्म
भरोसा से. इस गीत का मूड अच्छा है और अंतरे रोमांटिक हैं.
इस लिहाज से ये गीत टू इन वन है. सन्देश भी है और फ़िल्मी
लटके झटके भी.

गीत फिल्माया गया है गुरु दत्त और आशा पारेख पर. इस गीत
की तर्ज़ तैयार की है रवि ने. गायक कलाकार हैं रफ़ी और आशा.



गीत के बोल:

काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
लेगी कितनों की जान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
जा जा डोरे न डाल छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का

अरे सुन सुन
अरे जा जा जा
जरा सुन सुन
अरे जा जा जा
चल ठुमक-ठुमक ज़रा ठुमक-ठुमक
आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ चल ठुमक-ठुमक ज़रा ठुमक-ठुमक
आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ जरा सुन सुन
अरे जा जा जा
ओ जरा सुन सुन
अरे जा जा जा

तेरी ख़ातिर खोल के रखा है दिल का दरवाज़ा
पैयाँ हम नहीं पड़ने वाले मरज़ी हो तो आजा
बड़ा आया दिलदार छोरवा ये मेला दो दिन का
बड़ा आया दिलदार छोरवा ये मेला दो दिन का
जा जा डोरे न डाल छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का

देख ज़रा ये ब्लैक काली ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीरें
बँधी हुई है इनमें तेरे जैसों की तक़दीरें
अच्छा वाह वाह
देख ज़रा ये काली ब्लैक ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीरें
बँधी हुई है इनमें तेरे जैसों की तक़दीरें
लुट जाएगा जहान छोरिए ये मेला दो दिन का
लुट जाएगा जहान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
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Kaahe itna gumaan-Bharosa 1963

Artists: Guru Dutt, Asha Parekh

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