हम न कभी होंगे जुदा-फिर जनम लेंगे हम १९७७
के दौर से चली आ रही है. शब्दों का हेर फेर होता है मगर
मजमून वही होता है. फ़िल्मी गीत सिचुएशन के हिसाब से
बनाये जाते हैं/थे इसलिए कहानी से उनका ज्यादा सम्बन्ध
होता है/था. आजकल के दौर में कहानी से गीत का कनेक्शन
होना ज़रूरी नहीं है. किसी भी कहानी में आप कैसा भी गीत
डाल दो बस धम-धम भरपूर होनी चाहिए.
गीत गौहर कानपुरी का है और संगीत बप्पी लहरी का. इसे
लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गाया है. गीत फिल्माया
गया है आदिल अमन और भावना भट्ट पर. भावना भट्ट
को आपने फिल्म दो जासूस में शैलेन्द्र सिंह के साथ समुद्र
में नौका पर गीत गाते देखा होगा. आदिल अमन के बारे
में ज्यादा जानकारी नहीं है. जिस भी ज़माने की कहानी इस
फिल्म के लोग बतलाना चाहते हों, एक बात तो तय है कि
फिल्म के गाँव काफी आगे पहुंचे हुए लगते हैं समय से. इस
गीत में नायक मेटल की बांसुरी जो बजा रहा है.
गीत के बोल:
हम न कभी होंगे जुदा मौत हमें आये तो क्या
हम न कभी होंगे जुदा मौत हमें आये तो क्या
फिर जनम लेंगे हम फिर जनम लेंगे हम
हो ओ ओ ओ हम न कभी होंगे जुदा मौत हमें आये तो क्या
फिर जनम लेंगे हम फिर जनम लेंगे हम
हो हो हो हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ
एक है जान दो बदन एक महक दो सुमन
हो एक है जान दो बदन एक महक दो सुमन
सीता हूँ मैं राम तुम राधा हूँ मैं श्याम तुम
हो ओ ओ हम न कभी होंगे जुदा मौत हमें आये तो क्या
फिर जनम लेंगे हम फिर जनम लेंगे हम
पहले भी थे साथी हम आज भी तेरा साथ है
हो पहले भी थे साथी हम आज भी तेरा साथ है
एक दो जनम कुछ नहीं सदियों की ये बात है
हो ओ ओ हम न कभी होंगे जुदा मौत हमें आये तो क्या
फिर जनम लेंगे हम फिर जनम लेंगे हम
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Ham naa kabhi honge juda-Phir janam lenge ham 1977
Artists: Adil Aman, Bhavna Bhatt
1 comments:
ऐसी खाते पीते घर की हीरोइनें साउथ की फिल्मों में खूब दिखती हैं.
हिंदी फिल्म बनाने वाले नायिका के हिस्से का राशन खा जाते हैं.
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