प्यार जब ना दिया-सितमगर १९८५
सुनते हैं. ये फिल्म का शीर्षक गीत भी है. इस गीत में सितमगर
शब्द शामिल है.
इस गीत को मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है और संगीतकार भी वही
हैं-आर डी बर्मन. बहुत ही कम मगर देखने को ज़रूर मिलता है कि
फिल्म का शीर्षक गीत फिल्म के टाइटल्स पर फिल्माया गया हो.
गीत के बोल:
प्यार जब ना दिया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
प्यार जब ना दिया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
जुर्म की है ये सजा ये तो जानें सभी
जुर्म की है ये सजा ये तो जानें सभी
कोई मुजरिम क्यूँ बना ये नहीं माने कभी
साथ जब ना दिया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
दाग लगता रहे फिर भी जीना पड़े
हो दाग लगता रहे फिर भी जीना पड़े
जिल्लतों रुसवाइयों का ज़हर भी पीना पड़े
रहम जब ना किया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
वो तो कहता रहा जिंदगी के लिए
वो तो कहता रहा जिंदगी के लिए
एक मोहब्बत के सिवा कुछ ना मुझको चाहिए
प्यार जब ना दिया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
प्यार जब ना दिया जिंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या जिंदगी
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Pyar jab na diya-Sitamgar 1985
Artists: Dharmendra
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