May 6, 2018

चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ-टैक्सी ड्राईवर १९५४

जिंदगी में जो भी बेफिक्र रहता है उसे जिंदगी का असल
आनंद मिलता है. बेफिक्र होने और लापरवाह होने में फर्क
है. गैर जिम्मेदार होना भी एक बिलकुल अलग किस्म की
कला है.

हम बेफिक्री की बात कर रहे हैं. गीत में उसका पूर्ण विवरण
है क्या करें और कैसे करें. साहित्य के शौक़ीन मस्तराम
नाम से तो वाकिफ होंगे ही.

गीत है साहिर का और संगीत एस डी बर्मन का. इसे गाया
है किशोर कुमार और साथियों ने.




गीत के बोल:

गम की ऐसी तैसी
गम एक रोग है इंसान के तन बदन के लिए
सा रे गा मा प ध नि सा

चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे
चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
अरे मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे
चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
अरे मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे

पी के धाँधली करूं तो मुझको जेल भेज दो
सूँघने में क्या है ये जवाब थानेदार दे

भाव अगर बढ़ा भी डाले सेठ यार ग़म न कर
भाव अगर बढ़ा भी डाले सेठ यार ग़म न कर
अरे खाये जा मजे के साथ जब तलक़ उधार दे
खाये जा मजे के साथ जब तलक़ उधार दे
भाव अगर बढ़ा भी डाले सेठ यार ग़म न कर
खाये जा मजे के साथ जब तलक़ उधार दे

चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
अरे मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे

अरे तेरे की हवा निकल गई
जैक लगाओ
स्टेपनी अरे पहिया पम्पिंग

चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
अरे मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे

बाँट कर जो खाये उसपे अपनी जान ओ दिल लुटा
बाँट कर जो खाये उसपे अपनी जान ओ दिल लुटा
अरे जो बचाये माल उसको जूतियों का हार दे
जो बचाये माल उसको जूतियों का हार दे
बाँट कर जो खाये उसपे अपनी जान ओ दिल लुटा
जो बचाये माल उसको जूतियों का हार दे

चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे
चाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
अरे मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे
मस्त राम अरे मस्त राम मस्त राम
मस्त राम मस्त राम मस्त राम
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Chahe koi khush ho chahe galiyan hazaar de-Taxi Driver 1954

Artists: Dev Anand, Johny Walker

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