वो चाँद छुप कर-शर्त १९५४
ये एक युगल गीत है लता मंगेशकर और हेमंत कुमार की आवाजों
में. शमसुल हुदा बिहारी के बोल हैं और हेमंत कुमार का संगीत.
इसे दीपक और श्यामा पर फिल्माया गया है. फिल्म से आपको
पूर्व में चाँद शब्द वाले दो गीत सुनवा चुके हैं. सदा मुस्कुराती
श्यामा के चेहरे पर मुसकुराहट किसी बिजली के स्विच से संचालित
होती प्रतीत होती है. इतनी स्पीड से भाव बदलते हैं कि समझ
पाना मुश्किल है किस शब्द पर क्या भाव हैं.
गीत के बोल:
वो चाँद छुप के करता है क्या इशारे देखो
वो चाँद छुप के करता है क्या इशारे देखो
शायद ये कह रहा है हम हो गये तुम्हारे
हो गये तुम्हारे
हम हो गये तुम्हारे हो गये तुम्हारे देखो
उल्फ़त का आज हमने इक़रार कर लिया है
लेकिन ये कौन जाने किस्मत में क्या लिखा है
मंजिल को चल पड़े हैं तक़दीर के सहारे
हो गये तुम्हारे देखो
वो चाँद छुप के करता है क्या इशारे देखो
ऐसा ना हो के हमको रस्ते में छोड़ जाओ
जा कर कहीं किसी की दुनिया नई बसाओ
मंझधार में रहे हम लग जाओ तुम किनारे
हो गये तुम्हारे देखो
वो चाँद छुप के करता है क्या इशारे देखो
दिल में सिवा तुम्हारे कोई नहीं हमारे
अपने दिल से पूछो क्या दिल में है तुम्हारे
देंगे मेरी गवाही कुदरत के ये नज़ारे
हो गये तुम्हारे देखो
वो चाँद छुप के करता है क्या इशारे देखो
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Dekho wo chand chhup kar-Shart 1954
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