दिल आने के ढंग निराले हैं-मेरी कहानी १९४८
गया. गीत हास्य पुट वाला है और इसमें एक बात
का सन्देश भी है-कभी कभी पीछा छोड़ने से भी काम
बन जाता है. जिस चीज़ के पीछे ज्यादा भागो, वो
उतना ही ज्यादा भगाती है.
नक्शब के बोल, दत्ता कोरगांवकर का संगीत है और
सुरेन्द्र की आवाज़. कैची और तेज धुन है गीत की.
गीत के बोल:
दिल आने के
ओ दिल आने के ढंग निराले हैं
दिल आने के ढंग निराले हैं
दिल से मजबूर सब दिलवाले हैं
आ आ आ आ आ
दिल से मजबूर सब दिलवाले हैं
दिल आने के
ओ दिल आने के ढंग निराले हैं
कभी अँखियाँ मिलाने से आता है दिल
कभी अँखियाँ बचाने से आता है दिल
वो ही अँखियाँ जिन्हें हमसे मतलब नहीं
वो ही अँखियाँ जिन्हें हमसे मतलब नहीं
उन्हीं अँखियों के हम मतवाले हैं
हां हाँ हाँ हाँ हाँ
उन्हीं अँखियों के हम मतवाले हैं
दिल आने के
हो दिल आने के ढंग निराले हैं
प्यारी सूरत का गर सामना हो गया
हम पे लाखों अदाओं ने हमला किया
बड़ी हिम्मत से क़ाबू में रखा है दिल
बड़ी हिम्मत से क़ाबू में रखा है दिल
बड़ी मुश्क़िल से होश सम्भाले हैं
आ आ आ
बड़ी मुश्क़िल से होश सम्भाले हैं
हा आ आ आ आ
दिल आने के
हो दिल आने के ढंग निराले हैं
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Dil aane ked hang nirale hain-Meri kahani 1948
Artist: Surendra
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