सपेरा बीन बजायो रे-पद्मिनी १९४८
नागिन ने. उसके पहले तक के गीत बजे ज़रूर मगर
रेकोर्ड तोड़, छत फाड लेवल तक नहीं.
सुनते हैं सन १९४८ की पद्मिनी फिल्म से अशोक कुमार
और गीता दत्त का गाया मधुर युगल गीत.
वली साहब रचनाकार हैं और गुलाम हैदर संगीतकार.
बेहतर सुनाई देने वाला सपेरा गीत है. अगर आप बेसुरे
गानों से परेशान हो जाते हों तो इसे सुन लिया करें एक
बार टॉनिक का काम करेगा.
सपेरा बीन बजायो रे तू तो म्हारे गली में आयो रे
मैं तो चलूँगी थारे साथ
तीर तोरे नैनों का हुआ कलेजवा के पार
तीर तोरे नैनों का
लागा रे तीर तोर नैनों का
लगा मन में तीर तोरे नैनों का
ओ ओ गोरी रे गोरी रे मोरे बाँध दे हाथ दोऊ राखे से
मोरी काट दे नार गँडासे से
मैं तो छुप जाऊँ थारे साँचे से
मैं तो छुप जाऊँ थारे साँचे से
मेरा जीना है दुश्वार
तीर तोरे नैनों का हुआ कलेजवा के पार
लागा रे तीर तोर नैनों का
लगा मन में तीर तोरे नैनों का
ओ ओ ओ तन का बाजे बाँसुरी रे
मोरे मन का बाजे साज़
साज़ मोरे मन का बाजे साज़
तार न तोड़ ये तार के रे तेरी
भगवन राखे लाज
आज मोहे दीपक राग सुनायो रे
तू तो म्हारो गली में आयो रे
मैं तो चलूँगी थारे साथ
तीर तोरे नैनों का हुआ कलेजवा के पार
तीर तोरे नैनों का
लागा रे तीर तोर नैनों का
लगा मन में तीर तोरे नैनों का
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Sapera been bajayo-Padmini 1948
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