Aug 6, 2019

चाहे तो मोरा जिया लईले-ममता १९६६

हिंदी सिनेमा ने रंग बिरंगे गीत परोसे हैं दर्शकों के लिए. इनमें
ये चुनाव कर पाना कि कौन से गीत बेहतर है कुछ असम्भव
सा टास्क मालूम पढता है. सादगी का अपना आनंद है. सफ़ेद
रंग को अक्सर सादगी के साथ जोड़ कर देखा जाता है.

सुना और देखा जाए एक गीत जिसमें आपको ब्यूटी इन व्हाईट
के दर्शन होंगे. हिंदी सिनेमा को सुचित्रा सेन जैसी प्रतिभाशाली
अभिनेत्री की सेवाएं कम प्राप्त हुईं. फिल्म में सुचित्रा सेन डबल
रोल में हैं. ऐसे रोल करना आसान काम नहीं है. दो कालखंडों
को परदे पर एक साथ जीना पढता है.

मजरूह सुल्तानपुरी की रचना को स्वर दिया है लता मंगेशकर
ने रोशन की धुन पर.

ज्ञानी पाठक मुझे लरकैयां शब्द का अर्थ बतलायेंगे तो कृपा
होगी. ये शब्द लोक गीतों में प्रयोग होता है.



गीत के बोल:

आ आ
हमने उनके सामने पहले तो खंजर रख दिया
हाँ फिर कलेजा रख दिया दिल रख दिया और
सर रख दिया और कहा

हो ओ ओ चाहे तो मोरा जिया लईले सांवरिया
चाहे तो मोरा जिया लईले
फेर के नैना ना जा
न जा मैं वारी रसिया
हो ओ चाहे तो मोरा जिया लईले सांवरिया
चाहे तो मोरा जिया लईले

मान भी जाओ ना छोडो लरकैयां
छोडो लरकैयां
मान भी जाओ ना छोडो लरकैयां
छोडो लरकैयां
जाने ना दूँगी
जाने ना दूँगी मैं देखो मोरे सैयां
देखो मोरे सैयां
रोक रही गोरी बैयाँ के रुक जा
ओ मन बसिया
हो ओ चाहे तो मोरा जिया लईले सांवरिया
चाहे तो मोरा जिया लईले
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Chahe to mora jiya laile-Mamta 1966

Artist: Suchitra Sen

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