Aug 13, 2019

नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले-अनुराग १९७२

आनंद बक्षी की कलम में जादुई असर ज़रूर था. इसके चलते
उन्होंने कई बढ़िया गीत रच डाले. कान्हा के बारे में अक्सर
चोरी शब्द ही चलन में है. बक्षी ने एक कदम आगे बढते हुए
ठगी, नकबजनी, लूट जैसे शब्दों को छोड़ के सीधे डाका पर
अपग्रेड कर दिया और ऐसा किया कि कुछ भी अटपटा नहीं
लगता. सहज गीत लगता है ये. धुन एस डी बर्मन की है.

फिल्म अनुराग का ये गीत आज हमने विशेष रूप से इसलिए
चुना है क्यूंकि अनुराग जी कई दिन से इस ब्लॉग पर प्रकट
नहीं हुए हैं. माखनचोर कृष्ण कन्हैया की तरह वो भी थोड़ी
सी आंखमिचोली खेल लेते हैं.

गीत में आपको युवा मौसमी चटर्जी, विनोद मेहरा और कुछ
बच्चों समेत अशोक कुमार दिखलाई देंगे. गीत में गुज़रे ज़माने
की अभिनेत्रियां नूतन और अनीता गुहा भी दिखलाई देंगे.



गीत के बोल:

नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी
नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी
अरे दिन दहाड़े
अरे दिन दहाड़े चोरी करे रात भर जगाये
डाका डाले तेरी बंसी
हो नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी

मन में लगे ऐसे अगन जैसे चमके बिजुरिया बादल में
मन में लगे ऐसे अगन जैसे चमके बिजुरिया बादल में
चुपके कभी ले जाऊंगी तेरी बंसी छुपा के आँचल में
काहे शाम ढाले
काहे शाम ढाले कदम तले मुझको बुलाए
डाका डाले तेरी बंसी

नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी

समझी थी मैं नटखट है तू बस माखन चुराया करता है
समझी थी मैं नटखट है तू बस माखन चुराया करता है
दीवानी मैं ना जानी तू काहे पनघट पे आया करता है
मोहे लाज आये
मोहे लाज आये हाय नहीं बात कही जाए
डाका डाले तेरी बंसी

नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी

बंसी की धुन सुन के पिया जिया मेरा कहीं खो जाता है
बंसी की धुन सुन के पिया जिया मेरा कहीं खो जाता है
मैं क्या कहूँ क्या ना कहूँ मोहे ना जाने क्या हो जाता है
गीत प्रीत भरे
गीत प्रीत भरे गाये सुध बुध बिसराए
डाका डाले तेरी बंसी

नींद चुराये चैन चुराये डाका डाले तेरी बंसी
अरे दिन दहाड़े चोरी करे रात भर जगाये
डाका डाले तेरी बंसी
ओ डाका डाले........
.....................................................................................
Neend churaye chain churaye daaka dale-Anurag 1972

Artists: Moushumi Chatterji, Vinod Mehra

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