Sep 18, 2019

आज मधुवातास डोले-स्त्री १९६१

साहित्यिक गीतों की शृंखला में आज प्रस्तुत है गीत फिल्म
स्त्री से जो सन १९६१ की फिल्म है. ये एक युगल गीत है
लता मंगेशकर और महेंद्र कपूर का गाया हुआ. भरत व्यास
इस गीत के रचयिता हैं और चितलकर रामचंद्र संगीतकार.
इस गीत को काफी आदर और सम्मान दिया जाता है, वजह
इसके बोल और संगीत दोनों ही हैं.


मधुवातास का संधि विच्छेद है-मधु + वातास. मधु का अर्थ
आप जानते हैं. वातास का अर्थ है वायु, पवन. आशा है आप
शब्द का अर्थ समझ गए होंगे. ये शब्द मुझे किसी और गीत
में देखने को नहीं मिला. भरत व्यास द्वारा प्रयुक्त कई शब्द
दूसरे गीतकारों ने प्रयोग नहीं किये. मधुरिमा का अर्थ है मधुर
होने की अवस्था या भाव. माधुर्य इसका एक और अर्थ है.
सौंदर्य के लिए भी कभी कभी इस शब्द का प्रयोग होता है.
सरल शब्दों में अगर कोई कहे- आप मीठी हैं, आप सुन्दर हैं.

भारत व्यास प्रगतिशील गीतकार थे और उन्होंने उर्दू शब्दों के
प्रयोग से परहेज़ नहीं किया. ‘इच्छा’ के लिए उन्होंने गीत की
एक पंक्ति में ‘अरमान’ शब्द प्रयोग किया है.



गीत के बोल:

आज मधुवातास डोले
मधुरिमा से प्राण भर लो
चाँद को चुपचाप निरखो
चाँदनी में स्नान कर लो
…………………………………………………..
Aaj madhuvatas dole-Stree 1961

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