चिराग दिल का जलाओ-शीर्षक गीत १९६९
भर बुझी ही रह जाती है. आदमी नकली रोशनियों के सहारे
अपनी खुशियाँ तलाशता रह जाता है.
फिल्म चिराग का दर्द भरा गीत सुनते हैं रफ़ी की आवाज़
में. बोलों से ये प्रेरणादायी गीत सरीखा लगता है मगर धुन
से दर्दीला गीत समझ आता है. यही कंफ्यूज़न इसकी ब्यूटी
है.
आप लोग कहते हैं हम गानों की तारीफ़ नहीं करते, लो कर
दी जी. शीर्षक गीत खुशनुमा होता तो और भी आनंद आता.
मजरूह सुल्तानपुरी के बोल हैं और मदन मोहन का संगीत.
गीत के बोल:
चराग दिल का जलाओ बहुत अँधेरा है
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Chirag dil ka jalao-Chirag 1969
Artist: Sunil Dutt
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