गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता-देवता १९७८
इतराती है, मचलती है, उछलती है, कूदती है.
ना विक्टर ह्यूगो Les Misérables लिखते, ना वियतनाम
वीडु सुन्दरम उस पर आधारित ग्नाना ओली लिखते ना
गुलज़ार उस कहानी का हिंदी रूपांतरण करते और ना ही
फिल्म देवता बनती. मगर महान कहानियों और उपन्यासों
को किसी बहाने से लोकप्रिय होना ही रहता है.
कोई कहे गुलाब. कोई कहे चंपा-चमेली. गोभी के फूल को
कोई गोभी कह कर नहीं पुकारता. केवल नाज़ुक फूलों
की कद्र है कविता और गीत में. कमल का फूल बड़ा
ज़रूर होता है मगर कोमल ही कहलाता है.
अभी बहुत से फूल बाकी हैं जिन्हें गीतों में शामिल किया
जाना है-मोगरा, केलेंडुला, सेवंती, गुलदाउदी, डहलिया.
इत्यादि. देखते हैं इन पर नज़रे इनायत कब होती है
गीतकारों की.
सुनते हैं फिल्म देवता से युगल गीत किशोर और लता
का गाया हुआ. गुलज़ार के बोल हैं और राहुल देव बर्मन
का संगीत.
गीत के बोल:
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
मौसम-ए-गुल को हंसाना भी हमारा काम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
आयेंगी बहारें तो अब के उन्हें
कहना ज़रा इतना सुने
आयेंगी बहारें तो अब के उन्हें
कहना ज़रा इतना सुने
मेरे गुल बिना उनका कहाँ बहार नाम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
मौसम-ए-गुल को हंसाना भी हमारा काम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
शाम के गुलाबी से आँचल में ये
दिया जला है चाँद सा
शाम के गुलाबी से आँचल में ये
दिया जला है चाँद सा
हो मेरे उन बिना उसका कहाँ क्या नाम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
मौसम-ए-गुल को हंसाना भी हमारा काम होता
गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता
…………………………………………….
Gulmohar gar tumhara naam hota-Devta 1978
Artists: Rakesh Roshan, Sarika

0 comments:
Post a Comment