आई आई सावन रुत आई-मेला १९४८
सुनते हैं फिल्म मेला से जिसमें नायिका के साथ
सहायक कलाकारों का मेला लगा हुआ है. गीत के
शुरू में उनसे डर के बकरियां इधर उधर भाग रही हैं.
गीत लिखा है शकील बदायूनीं ने और इसकी धुन
तैयार की है नौशाद ने. शमशाद बेगम और मुकेश
ने इसे गाया है. नायक इस गीत में थोडा देर में
प्रकट होता है.
हिंदी फिल्मों के गीतों में कसी किसी गीत में बोल
इतने होते हैं जैसे फिल्म की नायिका बिकिनी पहने
हो तो किसी किसी गीत में लिरिक्स इतनी ज्यादा
होती है जैसे सफर के लिए सूटकेस तैयार किया
गया हो और उसमें मम्मी, पापा, चुन्नू, मुन्नू, गप्पू
और पप्पू सभी के कपडे ठूंस दिए गए हों.
गीत के बोल:
आई सावन रुत आई, सजन मोरा डोले है मन
लागी तेरी लगन घर आ जा
हो घर आ जा मोहन घर आ जा
आई सावन रुत आई, सजन मोरा डोले है मन
लागी तेरी लगन घर आ जा
हो घर आ जा मोहन घर आ जा
खेतों-खेतों डग-मग डोले हरियाली मतवारी
हो हरियाली मतवारी
खेतों-खेतों डग-मग डोले हरियाली मतवारी
हो हरियाली मतवारी
ऐसे में ओ प्रीतम प्यार आये याद तिहारी
हो आये याद तिहारी
ऐसे में ओ प्रीतम प्यार आये याद तिहारी
हो आये याद तिहारी
घर आ जा सजन घर आ जा
हो घर आ जा मोहन घर आ जा
आई सावन रुत आई, सजन मोरा डोले है मन
लागी तेरी लगन घर आजा
तोरे बिना मोहे कल नाही आये
कल नाही आये
तोरे बिना मोहे कल नाही आये
कल नाही आये
दिल की लगी तड़पाये हो ओ
दिल की लगी तड़पाये
मस्त पवन चले, मन लहराये
मस्त पवन चले, मन लहराये
आई मिलन रुत हाय
आई मिलन रुत हाय
घर आ जा सजन घर आजा
हो घर आ जा मोहन घर आजा
आई सावन रुत आई सजन मोरा डोले है मन
लागी तेरी लगन घर आ जा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
खेतों से परबत पर आ कर
खेतों से परबत पर आ कर
जीवन जोत जगा ले
जीवन जोत जगा ले
दुनिया है दो दिन का मेला
कुछ रो ले कुछ गा ले
दुनिया है दो दिन का मेला
कुछ रो ले कुछ गा ले
घर आ जा सजन घर आजा
ओ घर आ जा मोहन घर आ जा
आई सावन रुत आई सजन मोरा डोले है मन
लागी तेरी लगन घर आ जा
................................................................
Aayi sawan rut aayi-Mela 1948
Artists: Nargis, Dilip Kumar, Female extras, few goats
0 comments:
Post a Comment