ऐ जिंदगी के साथी-फरेब १९६८
अभिनेत्री बेला बोस को सहायक भूमिकाएं ज्यादा मिलीं.
इसमें वो नायिका हैं. है न चौंकाने वाला गीत. देव कुमार
जिन्हें अक्सर आपने खलनायक बने देखा होगा इसमें
वे जेंटलमैन बने बैठे प्यानो बजा रहे हैं.
फरेब से. गीत के बोल बढ़िया हैं, इस गीत को लिखा है
असद भोपाली ने और इसकी धुन उषा खन्ना ने तैयार
की है. गीत गाया है सुमन कल्याणपुर ने.
गीत के बोल:
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
मेरी साँसों में महकना मेरा दिल बन के धड़कना
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
धीमी धीमी आग दहकते गालों की
हलकी हलकी छांव सुनहरे बालों की
धीमी धीमी आग दहकते गालों की
हलकी हलकी छांव सुनहरे बालों की
तेरे लिए है लेकिन कहना ना तू किसी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
पहली पहली प्यार ने ली है अंगडाई
पहली पहली बार मिली है तन्हाई
पहली पहली प्यार ने ली है अंगडाई
पहली पहली बार मिली है तन्हाई
अब तो गले से लगा ले तड़प ना दूर ही से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
दिल की नाज़ुक बात जुबां तक आ पहुंची
बढते बढते बात कहाँ तक आ पहुंची
दिल की नाज़ुक बात जुबां तक आ पहुंची
बढते बढते बात कहाँ तक आ पहुंची
डरती नहीं हैं मोहब्बत दुनिया की बेरुखी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
मेरी साँसों में महकना मेरा दिल बन के धड़कना
ऐ जिंदगी के साथी जाना न जिंदगी से
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Ae zindagi ke sathi-Fareb 1968
Artists: Bela Bose, Dev Kumar
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