बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी-बेनज़ीर १९६४
किस्म का है और उसका आनंद उठाने के लिए थोड़े
धैर्य की ज़रूरत है. ज़रूरत है बोलों को ध्यान लगा
के सुनने की.
ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी पर फिल्माया गया ये गीत
लिखा है शकील बदायूनीं ने और इसकी धुन तैयार की
है एस डी बर्मन ने. इस गीत को संगीत प्रेमी मुजरा
सॉंग कहते हैं.
गीत के बोल:
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
जुबां पर खुशी की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे मोहब्बत के तारे
चमकते रहेंगे मोहब्बत के तारे
खुदा की अगर मेहरबानी रहेगी
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
मोहब्बत को ए दिल निभाये चला जा
मोहब्बत को ए दिल निभाये चला जा
यही दाग दिल को लगाये चला जा
यही दाग दिल को लगाये चला जा
लगाये चला जा
सलामत यही एक निशानी रहेगी
खुदा की अगर मेहरबानी रहेगी
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
ना क्यूँ रश्क आये हमें इस खुशी पर
ना क्यूँ रश्क आये हमें इस खुशी पर
करम हो रहा है किसी का किसी पर
करम हो रहा है किसी का किसी पर
किसी का किसी पर
मोहब्बत हमेशा दीवानी रहेगी
खुदा की अगर मेहरबानी रहेगी
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
बहारों की हो हो ओ बहारों की आ आ आ
बहारों की महफ़िल सुहानी रहेगी
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Baharon ki mehfil suhani-Benazir 1964
Artists: Meena Kumari
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