हम तेरे प्यार में सारा आलम-दिल एक मंदिर १९६३
पर चढ़ाया फिर कहते हो धड़ाम से गिर जाओ. ना बाबा
ना ऐसे काम मेरे बस के नहीं है. ये शायद इस गीत का
आधुनिक तर्जुमा हो सकता है.
गीत है फिल्म दिल एक मंदिर से लता मंगेशकर का
गाया हुआ जिसे हसरत जयपुरी ने तबियत से लिखा है.
यूँ ही नहीं ये गीत अमर गीत कहलाता है. इसमें ना
जाने कितना पसीना बहा होगा बनाने में.
सुनने वालों ने शायद कभी गौर किया हो या नहीं, ये
अपने ज़माने का ‘मेरा कुछ सामान’ है. पूरी कहानी है
इस गीत में और सरल प्रवाह में कह दी गयी है. इसे
गुनगुनाना हालांकि आसान काम नहीं है, चाहे तो कोशिश
कर के देख लीजिए. गीत में कई बार भूल जाओ भूल जाओ
बोला गया है, हम भी भूल गए हैं कि सितार दिख रहा है
मगर कहीं कहीं आवाज़ मेंडोलिन की आ रही है.
गीत के बोल:
हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं खो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम
पंछी से छुड़ा कर उसका घर तुम अपने घर पर ले आये
ये प्यार का पिंजरा मन भाया हम जी भर भर के मुस्काये
जब प्यार हुआ इस पिंजरे से तुम कहने लगे आज़ाद रहो
हम कैसे भुलायें प्यार तेरा तुम अपनी ज़ुबाँ से ये न कहो
अब तुमसा जहाँ में कोई नहीं है हम तो तुम्हारे हो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम
इस तेरे चरण की धूल से हमने अपनी जीवन मांग भरी
जब ही तो सुहागन कहलाई दुनिया के नज़र में प्यार बनी
तुम प्यार की सुन्दर मूरत हो और प्यार हमारी पूजा है
अब इन चरणों में दम निकले बस इतनी और तमन्ना है
प्यार के गंगा जल में बलम जी हम तन मन अपना धो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम
सपनों का दर्पण देखा था सपनों का दर्पण तोड़ दिया
ये प्यार का आँचल हमने तो दामन से तुम्हारे बाँध लिया
ये ऐसी गाँठ है उल्फत की जिसको ना कोई भी खिल सका
तुम आन बसे जब इस दिल में दिल फिर तो कहीं ना डोल सका
ओ प्यार के सागर हम तेरी लहरों में नाव डुबो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं खो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में
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Ham tere pyar mein saara aalam-Dil ek mandir 1963
Artists: Meena Kumari, Rajkumar
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