मैं खो गया यहीं कहीं-ट्वेल्व ओ क्लॉक १९५८
होता और कभी तो कुछ पल भी महीनों जैसे लंबे लगने
लगते हैं.
सन १९५८ की फिल्म ट्वेल्व ओ क्लॉक से हमने आपको
एक गाना सन २००९ में सुनवाया था. आज दूसरे का नंबर
लगा रहे हैं, वो भी इसलिए कि इस गाने को आज ही सुना
है.
शब्द कभी बूढ़े नहीं होते तो सदाबाहर आवाज़ भी कभी बूढी
नहीं होती. रफ़ी की आवाज़ भी ऐसी आवाजों में से एक है,
सदा जवान, सदाबहार.
सुनते है मजरूह का लिखा गीत जिसकी धुन रिदम किंग
ओ पी नैयर ने बनाई है. गुरु दत्त पर फिल्माया गया ये
गीत हल्का फुल्का है और इसमें आप गुरु दत्त को दाढ़ी
बनाते हुए भी देख सकते हैं. वहीदा रहमान की मोहक
मुस्कान और अंगडाई साथ में फ्री है. आगे का हाल गीत
में देख लें तो बेहतर है.
गीत के बोल:
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया मैं खो गया मैं खो गया
यूँ किसी से हुआ सामना
दिल ने आवाज़ दी थामना
यूँ किसी से हुआ सामना
दिल ने आवाज़ दी थामना
जाने क्या कह गई वो निगाह-ए-नाज़नीं
जाने क्या कह गई वो निगाह-ए-नाज़नीं
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया मैं खो गया
हाल-ए-दिल कह तो दूँ झूम के
प्यार से ज़ुल्फ़ को चूम के
हाल-ए-दिल कह तो दूँ झूम के
प्यार से ज़ुल्फ़ को चूम के
सोचता हूँ मगर वो ख़फ़ा न हो कहीं
सोचता हूँ मगर वो ख़फ़ा न हो कहीं
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया मैं खो गया
धुन यही जो रही प्यार की
हो रहेगी मेरी वो कभी
धुन यही जो रही प्यार की
हो रहेगी मेरी वो कभी
मेरे दिल मेरे दिल ठहर जा मचल नहीं
मेरे दिल मेरे दिल ठहर जा मचल नहीं
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया यहीं कहीं
जवाँ है रुत समाँ हसीं
कहाँ है दिल किसे पता
कहाँ हूँ मैं ख़बर नहीं
मैं खो गया मैं खो गया
मैं खो गया मैं खो गया
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Main kho gaya-12 O clock 1958
Artists: Guru Dutt, Waheeda Rehman
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