Dec 7, 2019

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया-अमर प्रेम १९७१

सन १९७१ में आर डी बर्मन के संगीत वाली काफी फ़िल्में आयीं.
इनमें से एक है अमर प्रेम जिसके कई गाने अमर हो चुके हैं.
फिल्म  के गीत लिखे हैं आनंद बक्षी ने.

फिल्म की थीम से जुड़ा जो गीत है वो आज हम सुनेंगे. एक
छोटे बच्चे के लिए एक नारी का प्रेम-ये इस फिल्म की कहानी
का एक पंक्ति में सार है. प्रेम तो प्रेम है, वो जाति, धर्म, जीव के
रूप, प्रारूप को नहीं देखता. बच्चा बड़ा होने के बाद भी उस स्नेह
और ममता के भावों को नहीं भुला पाता. शर्मिला टैगोर ने फिल्म
में यादगार भूमिका निभाई है.

आर डी बर्मन के संगीत वाला एक भजन आपने कल सुना था
जो फिल्म अधिकार में है आशा भोंसले का गाया हुआ. आज जो
भजन हम सुनेंगे वो लता मंगेशकर का गाया हुआ है. ये फ़िल्मी
भजन ही है जिसमें बाल गोपाल का जिक्र है. बेहद लोकप्रिय है.
एक बार फिर से बोलो माखनचोर नन्दकिशोर मुरली वाले की जय.




गीत के बोल:

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हाँ
बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हो
बड़ा नटखट है रे

ढूँढे री अंखियाँ उसे चहुँ ओर
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर
ढूँढे री अंखियाँ उसे चहुँ ओर
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर
उड़ गया ऐसे जैसे पुरवैया
का करे यशोदा मैय्या मैया रे हाँ
हाँ का करे यशोदा मैय्या हो

आ तोहे मै गले से लगा लूँ
लागे ना किसी की नज़र मन मे छुपा लूँ
आ तोहे मै गले से लगा लूँ
लागे ना किसी की नज़र मन मे छुपा लूँ
धूप जगत है रे ममता है छैंया
का करे यशोदा मैय्या हो
बड़ा नटखट है रे

मेरे जीवन का तू एक ही सपना
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना
मेरे जीवन का तू एक ही सपना
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना 
सब का है प्यारा हो
सब का है प्यारा बंसी बजैया
का करे यशोदा मैय्या मैया रे हाँ
हाँ बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या हो
बड़ा नटखट है रे
…………………………………………….
Bada natkhat hai re-Amar Prem 1971

Artists: Sharmila Tagore, A kid

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