ओ तेरी दुनिया कैसी-चांदी सोना १९७७
और ये समय समय पर किसी दैवीय प्रेरणा से बनते हैं.
इनका उद्देश्य होता है जो आम जनता को सन्देश देता है
अपने अपने तरीके से. इंसान समझना ही नहीं चाहता कि
जीवन का सार क्या है. बड़ी से बड़ी एल ई डी टी वी
लेने में तो कतई नहीं है.
समय चक्र चलता रहता है, शब्द बदलते रहते हैं मगर
मजमून वही रहता है, गौर फरमाएं. जीवन वो जो किसी
के काम आये, चाहे वो पर्यावरण के ही लिए क्यूँ ना हो.
सुनते हैं मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा हुआ मधुर गीत
मुकेश की आवाज़ में जिसका संगीत राहुल देव बर्मन ने
तैयार किया है. राज कपूर इसे परदे पर गा रहे हैं.
गीत के बोल:
तुझे भूल के माटी की पुतली पर
कोई मन की खिड़की खोल रहा
जिसमें तेरा नाम तुले उसमें
जग सोना चाँदी तोल रहा
अपना क्या है हम तो अनजाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
अपना क्या है हम तो अनजाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
जीवन पथ पे निकले दो पल को
हम तो अपने जी को बहलाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
यारा दुनिया कैसी तू जाने
तूने जब दुनिया ये बनाई
धरती की चादर फैलाई
चन्दा सूरज की जोत जलाई
तूने जब दुनिया ये बनाई
धरती की चादर फैलाई
चन्दा सूरज की जोत जलाई
ओ यारा ओ यारा
पर जिसके लिए जग तूने रचा
वो कर के इसे वीरान रहा
धरती की चादर छीन चुका
अब चाँद और सूरज माँग रहा
ये तेरे बन्दों के अफ़साने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
जीवन पथ पे निकले दो पल को
हम तो अपने जी को बहलाने
अपना क्या है हम तो अनजाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
उल्टी गंगा जो बहे जोगी चुप कैसे रहे
अब देवता कुछ भी नहीं
मानवता कुछ भी नहीं
यारों से यारी गई वो दिलदारी गई
ऐसी छाया तले हम दीवाने भले
कैसा प्यार कहाँ की दोस्ती कैसा रिश्ता नाता
तेरे होते इंसान तेरा शैतान हुआ ओ दाता
पर ये क्यूँ कह रहे हम दीवाने
तेरी दुनिया कैसी तू जाने
जीवन पथ पे निकले दो पल को
हम तो अपने जी को बहलाने
अपना क्या है हम तो अनजाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
जब दिल में पराया दर्द उठे
दूजे के तू काम आये यारा
सब जान मिला जीवन तुझको
चाँदी सोने से भी प्यारा
वरना धन दौलत चीज़ ही क्या है
कहे मियाँ नज़ीर का इकतारा
सब ठाठ पड़ा रह जायेगा
जब लाद चलेगा बंजारा
काम आयेंगे यही प्यार के नज़राने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
जीवन पथ पे निकले दो पल को
हम तो अपने जी को बहलाने
अपना क्या है हम तो अनजाने
ओ तेरी दुनिया कैसी तू जाने
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O teri duniya kaisi-Chandi Sona 1977
Artists: Raj Kapoor, Pran
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