Jan 4, 2020

अब दवा की ज़रूरत नहीं-लाल दुपट्टा मलमल का १९८९

मरीज ठीक हो जाए तो गा सकता है-अब दवा की
ज़रूरत नहीं. या जब रोग लाइलाज हो जाए तब ये
कहा जा सकता है.

दवा के अलावा भी कई चीज़ें होती हैं जिनमें दुआ
सबसे पहले आती है. इस गीत में ऐसा क्या है कि
मरीज को दवा की ज़रूरत नहीं, सुनते हैं.

मजरूह सुल्तानपुरी की रचना है और आनंद मिलिंद
का संगीत. मोहम्मद अज़ीज़ संग अनुराधा पौडवाल
ने इस गीत को गाया है.



गीत के बोल:

अब दवा की ज़रूरत नहीं
अब दवा की ज़रूरत नहीं
मुझको दर्द-ए-जिगर के लिए
इक नज़र तेरी मेरे मसीहा
काफ़ी है उम्र भर के लिए
हो काफ़ी है उम्र भर के लिए
अब दवा की ज़रूरत नहीं
मुझको दर्द-ए-जिगर के लिए
इक नज़र तेरी मेरे मसीहा
काफ़ी है उम्र भर के लिए
हो काफ़ी है उम्र भर के लिए
………………………………………………..
Ab dawa ki zaroorat nahin-Lal dupatta malmal ka 1989

Artists: Sahil Chaddha, Veverly Wheeler

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