Feb 1, 2020

दो दिन की ज़िंदगी में-पूनम १९५२

हँसने वाले के साथ दुनिया भी हँसती है मगर रोने वाले
का साथ सभी छोड़ दिया करते हैं. ये एक कड़वा सच है
जिसका कोई जवाब और तोड़ नहीं है. अपने संगी साथी
भी थोड़े दिन तक झेलते हैं उसके बाद वे भी धीरे धीरे
किनारा करने लगते हैं.

आपने कई फिल्मों में नायकों और अन्य लोगो को वाद्य
यंत्र पकड़ के जोर जोर से हिलाते देखा होगा. उन गीतों
में मजाल है उँगलियाँ ज़रा भी हिल जाएँ. कुछ गीतों में
वाकई में साज़ बजाये भी जाते हैं, लेकिन आम तौर पर
बजने का ड्रामा ही ज्यादा मिलता है.

आज आपको सुनवाते हैं फिल्म पूनम से एक गीत
जिसमें सितार पर नायक की उँगलियाँ किसी मंजे हुए
सितार वादक की तरह चल रही हैं, भले ही नोट टू नोट
ना बजाया जा रहा हो मगर ऐसा आभास ज़रूर दिला
रहा है उसका प्रदर्शन मानो उसने बाकायदा कहीं से
सितार बजाने की ट्रेनिंग ली हो. ये हैं अशोक कुमार
जिन्हें आपने फिल्म आशीर्वाद में भी शिद्दत से संगीत
प्रदर्शन करते देखा होगा.

यह गीत फिल्माया गया है कामिनी कौशल पर जिसे
गाया है लता मंगेशकर ने. नायिका नायक को गीत के
माध्यम से प्रेरणा देने की कोशिश कर रही है मगर गीत
खत्म होते तक नायक सो जाता है. अब भला इतना मधुर
गीत सुन कर किसे  नींद नहीं आयेगी ?




गीत के बोल:

दो दिन की ज़िंदगी में दुखड़े हैं बेशुमार
दुखड़े हैं बेशुमार
दो दिन की ज़िंदगी में दुखड़े हैं बेशुमार
दुखड़े हैं बेशुमार
है ज़िंदगी उसी की जो हँस हँस के दे गुज़ार
हँस हँस के दे गुज़ार

उभरेंगे फिर सितारे चमकेगा फिर से चाँद
चमकेगा फिर से चाँद
उभरेंगे फिर सितारे चमकेगा फिर से चाँद
चमकेगा फिर से चाँद
उजड़े हुए चमन में आयेगी फिर बहार
आयेगी फिर बहार
है ज़िंदगी उसी की जो हँस हँस के दे गुज़ार
हँस हँस के दे गुज़ार

है धूप कहीं छाया
है धूप कहीं छाया ये ज़िन्दगी की रीत
ये ज़िन्दगी की रीत
है आज तेरी हार सखी कल है तेरी जीत
है आज तेरी हार सखी कल है तेरी जीत
हर साँस तुझसे बस यही कहती है बार बार
कहती है बार बार
है ज़िंदगी उसी की जो हँस हँस के दे गुज़ार
हँस हँस के दे गुज़ार

मरने के सौ बहाने जीने को सिर्फ़ एक
जीने को सिर्फ़ एक
मरने के सौ बहाने जीने को सिर्फ़ एक
जीने को सिर्फ़ एक
उम्मीद के शुरू में बजते हैं दिल के तार
बजते हैं दिल के तार
है ज़िंदगी उसी की जो हँस हँस के दे गुज़ार
हँस हँस के दे गुज़ार
दो दिन की ज़िंदगी में दुखड़े हैं बेशुमार
दुखड़े हैं बेशुमार
…………………………………………….
Do in ki zindagi mein dukhde-Poonam 1952

Artist: Kamini Kaushal, Ashok Kumar

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